समाधि प्रथा | मध्यकाल में कई कुप्रथाएँ प्रचलित थी, जिनमें से एक प्रमुख प्रथा समाधि प्रथा थी. इस प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए 1861 ई. को एक नियम पारित किया गया था
समाधि प्रथा
मध्यकाल में कई कुप्रथाएँ प्रचलित थी, जिनमें से एक प्रमुख प्रथा समाधि प्रथा थी. इस प्रथा में कोई पुरुष या साधु, महात्मा मृत्यु का वरण करने के उद्देश्य से जल में डूबकर या मिट्टी के खड्डे में दबकर मृत्यु प्राप्त करता है। लोगों में अत्यधिक श्रद्धा का पात्र होता था तथा वह लोग उसकी पूजा करते थे।
यह भी देखे :- दास प्रथा
सर्वप्रथम जयपुर, राजस्थान के पॉलिटिकल एजेण्ट लुडलो के प्रयासों से सन 1844 में जयपुर ने इसे गैर क़ानूनी घोषित किया था. इस प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए 1861ई. को एक नियम पारित किया गया था
यह भी देखे :- डाकन प्रथा
समाधि प्रथा FAQ
Ans – समाधि परंपरा को सबसे पहले राजस्थान के पॉलिटिकल एजेण्ट लुडलो ने 1844 को गैर क़ानूनी घोषित किया था.
Ans – समाधि परंपरा को पूर्ण रूपम से समाप्त करने के लिए 1861 ई. को नियम पारित किया गया था.
आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.
यह भी देखे :- अनुमरण प्रथा