रणथम्भौर का चौहान राजवंश | कुतुबुद्दीन ऐबक ने गोविंदराज से अजमेर लेकर उसे रणथम्भौर का राज्य प्रदान किया। रणथम्भौर में चौहान वंश की स्थापना 1194 ई. में पृथ्वीराज तृतीय के पुत्र गोविन्दराज ने की थी
रणथम्भौर का चौहान राजवंश
कुतुबुद्दीन ऐबक ने पृथ्वीराज चौहान के पुत्र गोविंदराज से अजमेर लेकर उसे रणथम्भौर का राज्य प्रदान किया। रणथम्भौर में चौहान वंश की स्थापना 1194 ई. (12 वीं सदी) में पृथ्वीराज तृतीय के पुत्र गोविन्दराज ने की थी। गोविन्दराज की यहाँ पर चौहान वंश स्थापना करने में कुतुबुद्दीन ऐबक ने सहायता की थी।
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इस प्रकार गोविंदराज ही रणथम्भौर में चौहान वंश का संस्थापक है। उसके उत्तराधिकारी क्रमशः वल्लनदेव, प्रल्हादन और वीर नारायण थे। वीर नारायण के समय: दिल्ली सुल्तान इल्तुतमिश ने रणथम्भौर पर आक्रमण किया, जिसे वीर नारायण ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया परन्तु सुल्तान ने उसका दिल्ली में वध करवा दिया।
इसके उत्तराधिकारी वागभट्ट ने दिल्ली सल्तनत से अपने राज्य की रक्षा की। उसके पुत्र जयसिंम्हा से नासिरुद्धीन महमूद द्वारा भेजी गई सेना को रणथम्भौर लेने में असफलता प्राप्त हुई।
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रणथम्भौर का चौहान राजवंश FAQ
Ans – कुतुबुद्दीन ऐबक ने गोविंदराज से अजमेर लेकर उसे रणथम्भौर का राज्य प्रदान किया था.
Ans – रणथम्भौर में चौहान वंश की स्थापना 1194 ई. में हुई थी.
Ans – रणथम्भौर में चौहान वंश की स्थापना पृथ्वीराज तृतीय के पुत्र गोविन्दराज ने की थी.
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