भीनमाल का चावड़ा राजवंश | चावड़ा राजपूतों का सबसे प्राचीन राज्य भीनमाल था। इनके अन्य दो राज्य काठियावाड़ में बढ़वाण तथा पाटन में अन्हिलवाड़ा थे
भीनमाल का चावड़ा राजवंश
चावड़ा राजपूतों का सबसे प्राचीन राज्य भीनमाल था। इनके अन्य दो राज्य काठियावाड़ में बढ़वाण तथा पाटन में अन्हिलवाड़ा थे। ये अपने आपको भगवान शंकर की चाप से उत्पन्न होना मानते थे। ऐसा माना जाता है कि भीनमाल के चावड़ों ने गुर्जरों से राज्य छीना।
यह भी देखे :- करौली के यदुवंशी

यह भी देखे :- जैसलमेर का भाटी राजवंश
चीनी यात्री हवेनसांग 641 ई. में जब भीनमाल आया तो वह तत्कालीन भीनमाल शासक को क्षत्रिय बताता है तथा भीनमाल को गुर्जरात्रा की राजधानी बताता है। उस समय भीनमाल पर चावड़ा शासन कर रहे थे। भीनमाल में रहने वाले ‘कवि माघ’ ने अपने ग्रंथ ‘शिशुपाल वध’ में सुप्रभदेव को यहाँ का शासक बताया है।
भीनमाल के प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘ब्रह्मगुप्त’ ने अपने ‘ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त’ में 620 ई. में चापावंशी व्याघ्रमुख का उल्लेख किया है। इस वंश के नाश होने का संकेत 739 ई. के कलचुरी के दानपत्र में मिलता है। भीनमाल (बूलमाल) पर अरब आक्रमण का जिक्र है। ऐसा प्रतीत होता है कि अरबों के द्वारा नष्ट किए गए चावड़ों के बचे हुए राज्य को प्रतिहारों ने अपने अधिकार में कर लिया।
यह भी देखे :- धौलपुर का जाट राजवंश
भीनमाल का चावड़ा राजवंश FAQ
Ans – चावड़ा राजपूतों का सबसे प्राचीन राज्य भीनमाल था.
Ans – चीनी यात्री हवेनसांग 641 ई. में भीनमाल आया था.
Ans – भीनमाल के चावड़ा वंश के नाश का संकेत 739 ई. के कलचुरी के दानपत्र में मिलता है.
आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.
यह भी देखे :- महाराजा रणजीत सिंह – भरतपुर