प्राचीन भारत में यात्रा के दौरान चीनी लेखकों का विवरण | Description of Chinese Writers During Travels in Ancient India | चीनी लेखकों का विवरण | Description of Chinese writers
प्राचीन भारत में यात्रा के दौरान चीनी लेखकों का विवरण
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प्रमुख चीनी लेखक
- फाहियान
- संयुगन
- ह्वेनसांग
- इत्सिंग

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यात्रा का वर्णन
- फाहियान
- फाहियान चीनी यात्री गुप्त नरेश चन्द्रगुप्त द्वितीय के दरबार में आया था.
- फाहियान ने अपने विवरण में मध्य प्रदेश की संस्कृति व समाज के बारें वर्णन किया है.
- फाहियान ने मध्य प्रदेश की प्रजा को समृद्ध व सुखी बताया था.
- फाहियान 14 वर्ष तक भारत में रहा था.
- संयुगन
- संयुगन भारत में 518 ई. में आया था.
- संयुगन ने अपने 3 सैलून की यात्रा में बौद्ध धर्म की प्राप्तियां एकत्रित की.
- ह्वेनसांग
- ह्वेनसांग हर्षवर्धन के काल में भारत में यात्रा पर आया था.
- 629 ई. में ह्वेनसांग ने भारत यात्रा के लिए चीन से प्रस्थान किया था व लगभग 1 वर्ष की यात्रा के बाद वह सर्वप्रथम भारत के राज्य कपिशा पहुंचा.
- भारत में ह्वेनसांग 15 वर्ष की यात्रा के बाद 645 ई. में चीन लौट गया था.
- ह्वेनसांग बिहार नालंदा जिला स्थित नालंदा विश्विद्यालय में अध्ययन करने व भारत से बौद्ध ग्रंथों को एकत्रित कर अपने साथ ले जाने के लिए आया था.
- ह्वेनसांग का भ्रमण वृतांत सि-यु-की नाम से प्रसिद्ध है, जिसमें 138 देशों का विवरण मिलता है.
- ह्वेनसांग ने हर्ष कालीन राजनीति, धर्म तथा समाज के बारें में वर्णन किया था.
- ह्वेनसांग के अनुसार सिंध का राजा शुद्र था.
- ह्वेनसांग ने बुद्ध की प्रतिमा के साथ साथ सूर्य व शिव की प्रतिमा का भी पूजन भी किया था.
- ह्वेनसांग के अध्ययन समय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य शीलभद्र थे.
- नालंदा विश्वविद्यलय बौद्ध दर्शन के प्रसिद्ध था.
- ह्वेनसांग को नीति का पंडित, यात्रियों में राजकुमार और वर्तमान शाक्यमुनि कहा जाता है.
- इत्सिंग
- इत्सिंग 7वी सदी के अंत में भारत की यात्रा पर आया था.
- इत्सिंग ने अपने विवरण में नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय एवं अपने समय के भारत का वर्णन किया था.
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प्राचीन भारत में यात्रा के दौरान चीनी लेखकों का विवरण FAQ
Ans फाहियान चीनी यात्री गुप्त नरेश चन्द्रगुप्त द्वितीय के दरबार में आया था
Ans फाहियान ने अपने विवरण में मध्य प्रदेश की संस्कृति व समाज के बारें वर्णन किया है
Ans फाहियान 14 वर्ष तक भारत में रहा था.
Ans संयुगन भारत में 518 ई. में आया था.
Ans ह्वेनसांग हर्षवर्धन के काल में भारत में यात्रा पर आया था.
Ans 629 ई. में ह्वेनसांग ने भारत यात्रा के लिए चीन से प्रस्थान किया था.
Ans भारत में ह्वेनसांग 15 वर्ष की यात्रा के बाद चीन लौट गया था.
Ans भारत से ह्वेनसांग 645 ई. में चीन लौट गया था.
Ans ह्वेनसांग बिहार नालंदा जिला स्थित नालंदा विश्विद्यालय में अध्ययन करने व भारत से बौद्ध ग्रंथों को एकत्रित कर अपने साथ ले जाने के लिए आया था.
Ans ह्वेनसांग का भ्रमण वृतांत सि-यु-की नाम से प्रसिद्ध है.
Ans ह्वेनसांग के अध्ययन समय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य शीलभद्र थे.
Ans ह्वेनसांग को नीति का पंडित, यात्रियों में राजकुमार और वर्तमान शाक्यमुनि कहा जाता है.
Ans इत्सिंग 7वी सदी के अंत में भारत की यात्रा पर आया था.
Ans इत्सिंग ने अपने विवरण में नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय एवं अपने समय के भारत का वर्णन किया था.
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