सम्राट अशोक के अभिलेख | Emperor Ashoka’s inscriptions | अशोक के अभिलेखों को तीन भागों में बांटा गया है. 1. शिलालेख 2. स्तम्भ लेख 3. गुहलेख | अशोक के शिलालेख की खोज 1750 ई. में पद्रेटी फेंथैलर ने की थी
सम्राट अशोक के अभिलेख
अशोक के अभिलेखों को तीन भागों में बांटा गया है. 1. शिलालेख 2. स्तम्भ लेख 3. गुहलेख. अशोक के शिलालेख की खोज 1750 ई. में पद्रेटी फेंथैलर ने की थी. अशोक के अभिलेख को पढ़ने में पहली सफलता 1837 ई. में जेम्स प्रिसेप को हुई थी.
अशोक के स्तंभ लेखों की संख्या 7 है. जो केवल ब्राह्मी लिपि में लिखी गई है. यह छः अलग अलग स्थानों से प्राप्त हुई है :-
- प्रयाग स्तंभ लेख :- यह पहले कौशाम्बी में स्थित था. फिर इस स्तंभ लेख को अकबर ने इलाहाबाद के किले में स्थपि करवाया था.
- दिल्ली टोपरा :- यह स्तंभ फिरोजशाह तुगलक द्वारा टोपरा से दिल्ली लाया गया था.
- दिल्ली मेरठ :- यह स्तंभ फिरोजशाह तुगलक द्वारा मेरठ से दिल्ली लाया गया था.
- रामपुरवा :- यह स्तंभ लेख चंपारण बिहार में स्थित है. इसकी खोज 1872 करलायल ने की थी.
- लौरिया अरेराज :- यह स्तंभ लेख चंपारण बिहार में स्थित है.
- लौरिया नंदनगढ़ :- यह स्तंभ लेख भी चंपारण बिहार में स्थित है. इस स्तंभ पर मोर का चित्र बना है.
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अशोक के प्रमुख शिलालेख व उनमें वर्णित विषय
शिलालेख | विषय |
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पहला | इसमें पशुबलि की निंदा की गई है. |
दूसरा | मनुष्य व पशु दोनों की चिकित्सा व्यवस्था का उल्लेख है. |
तीसरा | इसमें राजकीय अधिकारीयों को यह आदेश दिया गया है की वे हर पांचवे वर्ष के उपरांत दौरे पर जाये इसमें कुछ धार्मिक नियमों का भी उल्लेख है. |
चौथा | इसमें भेरीघोष की जगह धम्मघोष की घोशानाकी गई है. |
पांचवा | इसमें धर्म महामत्रों की न्युक्ति की जानकारी मिलती है. |
छठा | इसमें आत्म नियंत्रण की शिक्षा दी गई है. |
सातवाँ व आठवां | इनमें अशोक की तीर्थयात्राओं का उल्लेख किया गया है. |
नौवा | सच्ची भेंट तथा सच्चे शिष्टाचार का उल्लेख है. |
दसवां | इसमें अशोक ने यह आदेश दिया की राजा तथा उच्च अधिकारी हमेशा प्रजा के हित में सोचे |
ग्यारहवां | इसमें धम्म की व्याख्या की गई है. |
बाहरवा | इसमें स्त्री महामत्रों की नियुक्ति व सभी प्रकार के विचारों के सम्मान की बात की गई है. |
तेहरवा | इसमें कलिंग युद्ध का वर्णन व अशोक के ह्रदय परिवर्तन की बात की गई है. |
चौहदवा | अशोक ने जनता को धार्मिक जीवन बिताने के लिए प्रेरित किया था. |
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कौशांबी अभिलेख को रानी का अभिलेख कहा जाता है. अशोक का सातवाँ अभिलेख सबसे लम्बा है. अशोक का सबसे छोटा स्तंभ लेख रुम्मिदेई है. इसी में लुम्बिनी में धम्म यात्रा के दौरान अशोक द्वारा भू-राजस्व की दर घटाकर 1\8 कर दिया व लुम्बिनी ग्राम का धार्मिक बलि कर माफ़ कर दिया गया था.
महास्थान से प्राप्त सौहगोरा का ताम्रपत्र अभिलेख में मौर्यकाल में अकाल व सूखे के समय राज्य द्वारा राहत कार्य किए जाने का विवरण प्राप्त है.

प्रथम पृथक शिलालेख में यह घोषणा है की सभी मनुष्य मेरे बच्चे है. अशोक का सहर-ए-कुना अभिलेख ग्रीक व आर्मेक भाषामें प्राप्त हुआ है.
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सम्राट अशोक के शिलालेख FAQ
Ans अशोक के अभिलेखों को तीन भागों में बांटा गया है.
Ans अशोक के अभिलेख निम्न है :- 1. शिलालेख 2. स्तम्भ लेख 3. गुहलेख |
Ans अशोक के स्तंभ लेखों की संख्या 7 है.
Ans अशोक के शिलालेख की खोज 1750 ई. में हुई थी.
Ans अशोक के शिलालेख की खोज पद्रेटी फेंथैलर ने की थी.
Ans अशोक के अभिलेख को पढ़ने में पहली सफलता जेम्स प्रिसेप को हुई थी
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