फ्रांस की राज्यक्रांति | French Revolution | फ्रांस की राज्यक्रांति 1789 ई. में लुई सोहलावां के शासनकाल में हुई थी. इस समय फ्रांस में सामंती व्यवस्था थी
फ्रांस की राज्यक्रांति | French Revolution
फ्रांस की राज्यक्रांति 1789 ई. में लुई सोहलावां के शासनकाल में हुई थी. इस समय फ्रांस में सामंती व्यवस्था थी. 14 जुलाई 1789 ई. को क्रांतिकारियों ने बस्तील के कारागार के फाटक को तोड़कर बंदियों को मुक्त करवा दिया. तब से 14 जुलाई को फ्रांस में “राष्ट्रिय दिवस” स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
समानता, स्वतंत्रता व बंधुत्व का नारा इस राज्यक्रांति की देन है. “मै ही राज्य हूँ व मेरे शब्द ही कानून है” यह कथन लुई 14 वा का है. राजा की निरंकुशता व स्वेच्छाचारिता पर अंकुश लगाने के लिए फ्रांस में पार्लमा नामक संस्था थी जिसकी संख्या 17 थी. इसका गठन न्यायालय के रूप में किया जाता था. न्यायधीशों का पद कुलीन वर्ग के लिए सुरक्षित होता था व यह पद क्रमानुगत होते थे.
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- वर्साय के शीशमहल का निर्माण लुई 14 ने करवाया था.
- वर्साय को फ्रांस की राजधानी लुई 14 ने बनाया था.
- लुई 16 वी 1774 ई. में फ्रांस की गद्दी पर बैठा था.
- लुई 16 वी की पत्नी मेरी एंत्वानेत आस्ट्रिया की राजकुमारी थी.
- राष्ट्र की समाधीवर्साय का भड़कीला राजदरबार था.
- लुई 16 वी को देशद्रोह के अपराध में फांसी दे दी गई थी.
- टैले एक प्रकार का भूमिकर था व टीथे एक प्रकार का धार्मिक कर था, जिसे चर्च को देना पड़ता था.
- फ़्रांसिसी क्रांति में वाल्टेयर, मॉन्टेस्क्यू व रूसो ने सर्वाधिक योगदान दिया था.
- वाल्टेयर चर्च का विरोधी था.
- रूसो प्रजातंत्रात्मक शासन पद्धति का समर्थक था.
- “सौ चूहों की उपेक्षा एक शेर का शासन उत्तम है” यह कथन वाल्टेयर का है.
- “सोशल कांट्रैक्ट” रूसो की व “लेटर्स ऑन इंग्लिश” वाल्टेयर की रचना है.
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कानून की आत्मा की रचना मॉन्टेस्क्यू ने की थी जिसमें सरकार के तीन अंगों :- कार्यपालिका, न्यायपालिका व विधायिका को अलग-अलग रखने के विषय में बताकर शक्ति पृथक्करण सिद्धांत का पोषण किया.
फ्रांस की क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण नारा “समानता” जिसे मध्यम वर्ग ने आगाज किया था. स्वतंत्रता व बंधुत्व भी क्रांति का नारा था.
18 शताब्दी में फ्रांसीसी समाज तीन एस्टेट्स अर्थात श्रेणी में बंटा हुआ था :- प्रथम एस्टेट्स – पादरी, द्वितीय एस्टेट्स – अभिजात वर्ग व तृतीय एस्टेट्स- इसमें देश की 90% जनता थी, उन्हें सभी प्रकार के कर देने पड़ते थे. इस वर्ग में व्यापारी, डॉक्टर, वकील, जज, अध्यापक, शिक्षक, लेखक, शिल्पी, किसान व मजदुर भी शामिल थे.
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फ्रांस की राज्यक्रांति FAQ
Ans फ्रांस की राज्यक्रांति 1789 ई. में हुई थी.
Ans फ्रांस की राज्यक्रांति लुई सोहलावां के शासनकाल में हुई थी.
Ans इस समय फ्रांस में सामंती व्यवस्था थी.
Ans 14 जुलाई 1789 ई. को क्रांतिकारियों ने बस्तील के कारागार के फाटक को तोड़कर बंदियों को मुक्त करवा दिया गया था.
Ans समानता, स्वतंत्रता व बंधुत्व का नारा इस राज्यक्रांति की देन है.
Ans “मै ही राज्य हूँ व मेरे शब्द ही कानून है” यह कथन लुई 14 वा का है.
Ans वर्साय के शीशमहल का निर्माण लुई 14 ने करवाया था.
Ans वर्साय को फ्रांस की राजधानी लुई 14 ने बनाया था.
Ans लुई 16 वी 1774 ई. में फ्रांस की गद्दी पर बैठा था.
Ans लुई 16 वी को देशद्रोह के अपराध में फांसी दे दी गई थी.
Ans फ़्रांसिसी क्रांति में वाल्टेयर, मॉन्टेस्क्यू व रूसो ने सर्वाधिक योगदान दिया था.
Ans “सौ चूहों की उपेक्षा एक शेर का शासन उत्तम है” यह कथन वाल्टेयर का है.
Ans कानून की आत्मा की रचना मॉन्टेस्क्यू ने की थी.
Ans फ्रांस की क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण नारा “समानता” जिसे मध्यम वर्ग ने आगाज किया था.
Ans 18 शताब्दी में फ्रांसीसी समाज तीन एस्टेट्स अर्थात श्रेणी में बंटा हुआ था.
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