पुरातत्व से मिलने वाला प्राचीन भारत का इतिहास | भारतीय पूरातत्वशास्त्र का पितामह “सर एलेक्जेंडर कनिंघम” को कहा जाता है. 1400 ईसा पूर्व में अभिलेख ”बोगाज कोई” से वैदिक देवता मित्र, वरुण, इंद्रा और नासत्य के नाम मिलते है
पुरातत्व से मिलने वाला प्राचीन भारत का इतिहास
अभिलेखों से मिलने वाली जानकारी
- भारतीय पूरातत्वशास्त्र का पितामह “सर एलेक्जेंडर कनिंघम” को कहा जाता है |
- 1400 ईसा पुएव में अभिलेख ”बोगाज कोई” से वैदिक देवता मित्र, वरुण, इंद्रा और नासत्य के नाम मिलते है.
- मध्य भारत में भागवत विकसित होने का प्रमाण यवन राजदूत होलियोडोरस के वेसनगर गरुड़ स्तम्भ लेख से प्राप्त होता है.
- सर्वप्रथम भारतवर्ष का जिक्र ”हथिगुम्फा” अभिलेख में है.
- सर्वप्रथम दुर्भिक्ष की जानकारी देनेवाला अभिलेख सौहगोरा है. इस अभिलेख में संकटकाल में उपयोग हेतु खाद्यान सुरक्षित रखने का उल्लेख है.
- सर्वप्रथम भारत आने वाला हूण आक्रमण की जानकारी भीतरी स्तम्भ लेख से प्राप्त होती है.
- सती-प्रथा का पहला लिखित साक्ष्य एरण अभिलेख से प्राप्त होता है.
- सातवाहन राजाओं का पूरा इतिहास उनके अभिलेखों के आधार पर लिखा गया है.
- रेशम बुनकर की श्रेणियों की जानकारी मंदसौर अभिलेख से प्राप्त होता है.
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सिक्कों से प्राप्त जानकारी
- प्राचीनतम सिक्कों को आहत सिक्के कहा जाता है.
- समुद्रगुप्त की उसकी वीणा बजाती हुई मुद्रा वाले सिक्के से उसके संगीत प्रेमी होने का प्रमाण मिलता है.
- अरिकमेडू से रोमन सिक्के प्राप्त हुए है.
- सबसे पहले भारत के संबंध बर्मा, मलाया, कम्बोडिया व जावा के साथ स्थापित हुआ था.
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महत्वपूर्ण अभिलेख
अभिलेख | शासक |
हथिगुम्फा अभिलेख | कलिंग राजा खारवेल |
जूनागढ़ अभिलेख | रुद्रदामन |
नासिक अभिलेख | गौतम बलश्री |
प्रयाग स्तम्भ लेख | समुद्रगुप्त |
ऐहोल अभिलेख | पुलिकेशन 2 |
मंदसौर अभिलेख | मालवा नरेश यशोवर्मन |
ग्वालियर अभिलेख | प्रतिहार नरेश भोज |
भीतरी व जूनागढ़ अभिलेख | स्कंदगुप्त |
देवपदा अभिलेख | बंगाल शासक विजयसेन |
मंदिरों से प्राप्त जानकरी
- उत्तर भारत में मंदिरों की कला की शैली नागर शैली व दक्षिणी भारत के मंदिरों की कला की शैली द्रविड़ कहलाती है.
- पंचायतन शब्द मंदिर की शैली से सम्बंधित है.
- एक हिन्दू मंदिर तब पंचायतन शैली का कहलाता है जब मुख्य मंदिर चार सहायक मंदिरों से घिरा हो.
- पंचायतन मंदिर के उदहारण :- कंदरिया महादेव मंदिर, ब्रह्मेश्वर मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, लिंगराज मनीर, दशावतार मंदिर, गोंडेश्वर मंदिर.
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प्राचीन भारत का इतिहास FAQ
Ans भारतीय पूरातत्वशास्त्र का पितामह “सर एलेक्जेंडर कनिंघम” को कहा जाता है.
Ans सर्वप्रथम भारतवर्ष का जिक्र ”हथिगुम्फा” अभिलेख में है.
Ans सर्वप्रथम दुर्भिक्ष की जानकारी देनेवाला अभिलेख सौहगोरा है.
Ans सर्वप्रथम भारत आने वाला हूण आक्रमण की जानकारी भीतरी स्तम्भ लेख से प्राप्त होती है.
Ans सती-प्रथा का पहला लिखित साक्ष्य एरण अभिलेख से प्राप्त होता है.
Ans सातवाहन राजाओं का पूरा इतिहास उनके अभिलेखों के आधार पर लिखा गया है.
Ans रेशम बुनकर की श्रेणियों की जानकारी मंदसौर अभिलेख से प्राप्त होता है.
Ans प्राचीनतम सिक्कों को आहत सिक्के कहा जाता है.
Ans पंचायतन शब्द मंदिर शैली से सम्बंधित है.
Ans एक हिन्दू मंदिर तब पंचायतन शैली का कहलाता है जब मुख्य मंदिर चार सहायक मंदिरों से घिरा हो.
Ans पंचायतन मंदिर के उदहारण :- कंदरिया महादेव मंदिर, ब्रह्मेश्वर मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, लिंगराज मनीर, दशावतार मंदिर, गोंडेश्वर मंदिर.
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