आंध्र प्रदेश का इतिहास | History of Andhra Pradesh | आन्ध्र प्रदेश भारत के 28 राज्यों में से एक है. इसका इतिहास वैदिक काल से प्रारंभ होता है. इसके इतिहास का लेखन संस्कृत के महाकाव्य जैसे की ऐतरेय ब्राह्मण में मिलता है
आंध्र प्रदेश का इतिहास | History of Andhra Pradesh
आंध्र प्रदेश का एक प्राचीन राज्य अश्मक महाजनपद था. यह राज्य भारत में गोदावरी व कृष्णा नदियों के मध्य स्थित था. इस क्षेत्र के लोग ऋषि विश्वामित्र के वंशज कहे जाते है, इसका वर्णन महाभारत, रामायण व पुराणों में मिलता है.
छठवी शताब्दी ईसा पूर्व में अश्मक 16 महाजनपदों में से एक था. यह महाजनपद सातवाहन वंश के शासकों द्वारा स्थापित किया गया था. इन्होनें अमरावती नामक शहर का निर्माण करवाया था. गौतमी पुत्र शातकर्णी के अधीन में यह साम्राज्य शीर्ष तक पहुँच गया था.
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दूसरी शताब्दी के उतरार्द्ध में आन्ध्र इक्ष्वाकुओं ने कृष्णा नदी के साथ-साथ पूर्वी क्षेत्र पर अपना राज्य संचालित किया था.
चौथी शताब्दी के दौरान पल्लव वंश के दक्षिणी आंध्र प्रदेश से लेकर तमिलाकम तक अपने राज्य का विस्तार किया व अपनी राजधानी कांचीपुर में स्थापित की. महेन्द्रवर्मन प्रथम व नरसिंहवर्मन के शासन के समय में इस राज्य ने अपना शासन क्षेत्र बढाया था. पल्लवों ने नौवी शताब्दी के अंत तक दक्षिणी तेलगु भाषी क्षेत्र व उत्तरी तमिलाकम में अपना शासन कायम रखा था.
काकतीय वंश का उदय 1163 ई. व 1323 ई. के मध्य हुआ था. इस वंश ने तेलगु क्षेत्र पर एकीकृत शासन किया था. इस अवधि के दौरान तेलगु भाषा तिक्कन के लेखन के साथ एक साहित्यिक माध्यम के रूप में उभरी थी.
1323 ई. में दिल्ली के सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक ने तेलगु क्षेत्र को जीतने के लिए उलुग खां को एक बड़ी सेना के साथ भेजा व वारंगल की घेराबंदी की. काकतीय वंश के पतन के कारण दिल्ली के तुर्क साम्राज्यों, दक्षिण के चालुक्य व चोल राजवंश व मध्य भारत के पारसयों-ताजिक के मध्य स्पर्धा का दौरा चला था. आंध्र के लिए संघर्ष तुर्किक दिल्ली सल्तनत पर मुसुनुरी नायकों की जीत के साथ समाप्त हुआ था.
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तेलगु ने विजयनगर साम्राज्य के कृष्णदेवराय के नेतृत्व में स्वतंत्रता हांसिल की थी. बहमनी सल्तनत के कुतुबशाही वंश के उस साम्राज्य को प्रतिस्थापित किया था. कुतुबशाही 16वी से 17वी शताब्दी के अंत तक तेलगु संस्कृति के प्रति सहिष्णु रहे थे.
यूरोपियों के आगमन के तहत फ़्रांसिसी ने इस क्षेत्र की राजनीति को बदल दिया था.
आंध्र की आधुनिक नींव मोहनदास गाँधी के अधीन स्वतंत्रता संघर्ष में रखी गई थी. 1947 ई. में भारत ब्रिटेन से स्वतंत्र हो गया था. हालाँकि हैदराबाद का मुस्लिम निजाम भारत से आजादी को बरक़रार रखना चाहता था. लेकिन 1948 ई. में हैदराबाद राज्य बनाने के लिए भारत के अधिराज्य में शामिल होने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
आंध्र मुख्य रूप से भाषाई तौर पर गठित भारत का पहला राज्य, 1953 ई. में मद्रास प्रेजिडेंसी से लिया गया था. 1956 ई. में आंध्र प्रदेश को राज्य बनाने के लिए हैदराबाद राज्य के तेलगु भाषी हिस्से के साथ विलय कर दिया गया था. लोकसभा ने 27 फरवरी 2014 को आंध्र प्रदेश के दस जिलों को अलग राज्य की अनुमति दे दी गई थी.
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आंध्र प्रदेश का इतिहास FAQ
Ans आंध्र प्रदेश का इतिहास वैदिक काल से प्रारंभ होता है.
Ans अश्मक महाजनपद भारत में गोदावरी व कृष्णा नदियों के मध्य स्थित था.
Ans अश्मक महाजनपद सातवाहन वंश के शासकों द्वारा स्थापित किया गया था.
Ans पल्लवों ने अपनी राजधानी कांचीपुर में स्थापित की थी.
Ans पल्लवों ने नौवी शताब्दी के अंत तक दक्षिणी तेलगु भाषी क्षेत्र व उत्तरी तमिलाकम में अपना शासन कायम रखा था.
Ans काकतीय वंश का उदय 1163 ई. व 1323 ई. के मध्य हुआ था.
Ans 1323 ई. में दिल्ली के सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक ने तेलगु क्षेत्र को जीतने के लिए उलुग खां को एक बड़ी सेना के साथ भेजा था.
Ans आंध्र के लिए संघर्ष तुर्किक दिल्ली सल्तनत पर मुसुनुरी नायकों की जीत के साथ समाप्त हुआ था.
Ans तेलगु ने विजयनगर साम्राज्य के कृष्णदेवराय के नेतृत्व में स्वतंत्रता हांसिल की थी.
Ans कुतुबशाही 16वी से 17वी शताब्दी के अंत तक तेलगु संस्कृति के प्रति सहिष्णु रहे थे.
Ans आंध्र की आधुनिक नींव मोहनदास गाँधी के अधीन स्वतंत्रता संघर्ष में रखी गई थी.
Ans 1947 ई. में भारत ब्रिटेन से स्वतंत्र हो गया था.
Ans 1948 ई. में हैदराबाद राज्य बनाने के लिए भारत के अधिराज्य में शामिल होने के लिए हैदराबाद निजाम को मजबूर होना पड़ा था.
Ans भारत का पहला भाषाई तौर पर गठित राज्य आंध्र था.
Ans लोकसभा ने 27 फरवरी 2014 को आंध्र प्रदेश के दस जिलों को अलग राज्य की अनुमति दे दी गई थी.
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