गौतम बुद्ध के उपदेश | धार्मिक जुलुस का प्रारंभ सबसे पहले बौद्ध धर्म ने किया था. बोद्धों का सबसे पवित्र त्यौहार वैशाख पूर्णिमा है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है
गौतम बुद्ध के उपदेश
धार्मिक जुलुस का प्रारंभ सबसे पहले बौद्ध धर्म ने किया था. बोद्धों का सबसे पवित्र त्यौहार वैशाख पूर्णिमा है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इसका महत्त्व इसलिए है की बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति व निर्वाण प्राप्ति हुई थी.
बुद्ध ने सांसारिक दुखों के संबंध में चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया था. वह यह है :- 1. दुःख 2. दुःख समुदाय 3. दुःख निरोध 4. दुःख निरोधगामिनी प्रतिपदा
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इन सांसारिक दुखों से मुक्ति हेतु बुद्ध ने आष्टांग मार्ग की बात कही है. 1. सम्यक दृष्टि 2. सम्यक संकल्प 3. सम्यक वाणी 4. सम्यक कर्मान्त 5. सम्यक आजीव 6. सम्यक व्यायाम 7. सम्यक स्मृति 8. सम्यक समाधि
बुद्ध के अनुसार अष्टांग मार्गों का पालन करने के उपरांत मनुष्य की भव तृष्णा नष्ट हो जाती है व उसे निर्वाण प्राप्त होता है.
निर्वाण बौद्ध धर्म का परम लक्ष्य है, जिसका अर्थ है ''दीपक का बुझ जाना'' अर्थात जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो जाना. बुद्ध ने निर्वाण प्राप्ति को सरल बनाने के लिए निम्न दस शीलों पर बल दिया है :- 1. अहिंसा 2. सत्य 3. अस्तेय 4. अपरिग्रह 5. मद्य सेवन न करना 6. असमय भोजन न करना 7. सुखप्रद बिस्तर पर नहीं सोना 8. धन संचय न करना 9. स्त्रियों से दूर रहना 10. नृत्य गान से दूर रहना | गृहस्थों के लिए केवल पांच शील व भिक्षुओं के लिए दस शील मानना अनिवार्य है.
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बुद्ध ने माध्यम मार्ग का उपदेश दिया था. अनीश्वरवाद के संबंध में बौद्धधर्म व जैनधर्म में समानता है. जातक कथाएँ प्रदर्शित करती है की बोधिसत्व का अवतार मनुष्य के रूप में भी हो सकता है व पशु के रूप में भी हो सकता है. बोधिसत्व के रूप में पुनर्जन्मों की दीर्घ श्रृंखला के अंतर्गत बुद्ध ने शाक्य मुनि के रूप में अपना अंतिम जन्म प्राप्त किया था किन्तु इसके उपरांत मैत्रेय तथा अन्य अनाम बुद्ध अभी अवतरित होने शेष है.

सर्वाधिक बुद्ध मूर्तियों का निर्माण गंधार शैली में किया गया है, लेकिन बुद्ध की प्रथम मूर्ति संभवतः मथुरा कला के अंतर्गत बनी थी. तिब्बत, भूटान व अन्य पड़ौसी देशों में बौद्ध धर्म का प्रचार पद्मसंभव ने किया | इनकी 123 फीट ऊँची मूर्ति हिमाचल प्रदेश की रेवल सर झील में है.
भारत में उपासना की जाने वाली प्रथम मूर्ति संभवतः बुद्ध की थी.
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गौतम बुद्ध के उपदेश FAQ
Ans धार्मिक जुलुस का प्रारंभ सबसे पहले बौद्ध धर्म ने किया था.
Ans बोद्धों का सबसे पवित्र त्यौहार वैशाख पूर्णिमा है.
Ans वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है.
Ans वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति व निर्वाण प्राप्ति हुई थी.
Ans बुद्ध ने सांसारिक दुखों के संबंध में चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया था.
Ans बुद्ध ने सांसारिक दुखों के संबंध में निम्न आर्य सत्यों का उपदेश दिया था : 1. दुःख 2. दुःख समुदाय 3. दुःख निरोध 4. दुःख निरोधगामिनी प्रतिपदा.
Ans सांसारिक दुखों से मुक्ति हेतु बुद्ध ने आष्टांग मार्ग की बात कही है.
Ans निर्वाण बौद्ध धर्म का परम लक्ष्य है.
Ans निर्वाण का अर्थ है ”दीपक का बुझ जाना” अर्थात जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो जाना.
Ans बुद्ध ने निर्वाण प्राप्ति को सरल बनाने के लिए निम्न दस शीलों पर बल दिया है.
Ans गृहस्थों के लिए केवल पांच शील मानना अनिवार्य है.
Ans भिक्षुओं के लिए दस शील मानना अनिवार्य है.
Ans सर्वाधिक बुद्ध मूर्तियों का निर्माण गंधार शैली में किया गया है.
Ans बुद्ध की प्रथम मूर्ति संभवतः मथुरा कला के अंतर्गत बनी थी.
Ans भारत में उपासना की जाने वाली प्रथम मूर्ति संभवतः बुद्ध की थी.
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