इसाई धर्म का इतिहास | history of Christianity | प्राचीन यहूदी परंपरा से इसाई धर्म निकला है जो एक इब्राहीमी धर्म है। यह भी अन्य इब्राहीमी धर्मों के सामान एक एकेश्वरवादी धर्म है
इसाई धर्म का इतिहास | history of Christianity
प्राचीन यहूदी परंपरा से इसाई धर्म निकला है जो एक इब्राहीमी धर्म है। यह भी अन्य इब्राहीमी धर्मों के सामान एक एकेश्वरवादी धर्म है। ईसाई परंपरा के अनुसार ईसाई धर्म की शुरूआत फलिस्तीन में प्रथम सदी ई. में हुई थी, जिसके अनुयायी ‘ईसाई’ कहलाते हैं। यीशु मसीह की शिक्षाओं पर ईसाई धर्म आधारित है।
ईसाइयों में मुख्ययतः तीन समुदाय हैं. जो की निम्न है :- प्रोटेस्टेंट, कैथोलिक, व ऑर्थोडॉक्स तथा बाइबिल इनका धर्मग्रंथ है। चर्च ईसाइयों के धार्मिक स्थल को कहते हैं। ईसाई धर्म को विश्व में सर्वाधिक लोग मानते हैं।
मूर्तिपूजा, हत्या, व्यभिचार व किसी को भी व्यर्थ आघात ईसाई धर्म के अनुसार पहुंचाना पाप है। यह धर्म किसी क्रांति की तरह चौथी सदी तक फैलाता गया, परन्तु इसके बाद इस धर्म में अत्यधिक धर्मसत्ता तथा कर्मकांडों की प्रधानता ने दुनिया को अंधकार युग में धकेल दिया था। फलस्वरूप इसमें रीति-रिवाज़ों के बजाय आत्मिक परिवर्तन पर पुनर्जागरण के बाद से अधिक ज़ोर दिया गया है |

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ईसाई एकेश्वरवादी हैं, लेकिन ईसाई ईश्वर को त्रीएक के रूप में मानते हैं– परमपिता परमेश्वर, उनके पुत्र यीशु मसीह व पवित्र आत्मा :-
परमपिता
इस सृष्टि के रचयिता परमपिता हैं व इस सृष्टि के शासक परमपिता ही है
यीशु मसीह
स्वयं परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह है| जो पतन हुए सभी मनुष्यों को मृत्यु तथा पाप से बचाने के लिए जगत में देहधारण करके आए थे। वे एक देह में प्रकट हुए ताकि वे पापी मनुष्य को नहीं बल्कि मनुष्य के अन्दर के पाप को मिटा सके। उन्होंने इस पृथ्वी पर जो व्यक्ति पापी, बीमार, मूर्खों व सताए हुए का पक्ष लिया व उनके बदले में अपनी जान देकर पाप की कीमत चुकाई जिससे की मनुष्य बच सकें |
पवित्र आत्मा
त्रिएक परमेश्वर के तीसरे व्यक्तित्व पवित्र आत्मा हैं, व्यक्ति अपने भीतर इसके प्रभाव में ईश्वर का अहसास करता है। ये ईसा के चर्च एवं अनुयाईयों को निर्देशित करते हैं।
इसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह है व ईसाई धर्म का प्रमुख ग्रन्थ बाइबिल है. ईसा मसीह का जन्म जेरुसलम के निकट बैथाहेलम नामक स्थान पर हुआ था. ईसा के जन्म दिवस को क्रिसमिस के रूप में मनाया जाता है. ईसा मसीह की माता का नाम मेरी तथा पिता का नाम जोसेफ है.
ईसा ने अपने जीवन में प्रथम तीस वर्ष एक बढई के रूप में बैलहेथम के निकट नाजरेथ में बिताएं थे. ईसा मसीह के प्रथम दो शिष्य एन्द्रुस व पीटर थे. ईसा मसीह को सूली पर रोमन गर्वनर पोंटियस ने चढ़ाया था. ईसा मसीह को 33 ई. में सूली पर चढ़ाया गया था. ईसाई धर्म का सबसे पवित्र चिन्ह क्रोस है. ईसाई त्रितत्व में विश्वास रखते है :- इश्वर-पिता, ईश्वर-पुत्र व ईश्वर-पवित्र आत्मा.
12 वी शताब्दी में फ़्रांस में आरंभिक भवनों की तुलना में अधिक ऊँचे व हल्के चर्चों का निर्माण हुआ. वास्तुकला की यह शैली गोथिम शैली मानी जाती है. इस वास्तुकला शैली के सर्वोत्कृष्ट उदाहरणों में पेरिस का नाट्रेदम चर्च है.
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बाइबिल
बाइबिल ईसाई धर्मग्रन्थ में दो भाग हैं। जो की निम्न है :- 1.पुराना नियम पहला भाग कहलाता है, जो कि यहूदियों के धर्मग्रंथ तनख़ का ही संस्करण है। 2. नया नियम दूसरा भाग कहलाता व ईसा के उपदेश, चमत्कार तथा उनके शिष्यों के कामों का वर्णन करता है।
संप्रदाय
प्रमुख ईसाई संप्रदाय निम्न है :-
- कैथोलिक
- ऑर्थोडॉक्स
- प्रोटेस्टेंट
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इसाई धर्म का इतिहास FAQ
Ans प्राचीन यहूदी परंपरा से इसाई धर्म निकला है.
Ans ईसाई परंपरा के अनुसार ईसाई धर्म की शुरूआत फलिस्तीन में प्रथम सदी ई. में हुई थी.
Ans ईसाई धर्म यीशु मसीह की शिक्षाओं पर आधारित है.
Ans ईसाइयों में मुख्ययतः तीन समुदाय हैं.
Ans ईसाइयों में मुख्ययतः समुदाय निम्न हैं- प्रोटेस्टेंट, कैथोलिक, व ऑर्थोडॉक्स.
Ans ईसाइयों का धर्मग्रन्थ बाइबिल है.
Ans ईसाइयों के धार्मिक स्थल को चर्च कहते हैं.
Ans ईसाई धर्म को विश्व में सर्वाधिक लोग मानते हैं.
Ans ईसा मसीह का जन्म जेरुसलम के निकट बैथाहेलम नामक स्थान पर हुआ था.
Ans ईसा के जन्म दिवस को क्रिसमिस के रूप में मनाया जाता है.
Ans ईसा मसीह की माता का नाम मेरी तथा पिता का नाम जोसेफ है.
Ans ईसा मसीह के प्रथम दो शिष्य एन्द्रुस व पीटर थे.
Ans ईसा मसीह को सूली पर रोमन गर्वनर पोंटियस ने चढ़ाया था.
Ans ईसा मसीह को 33 ई. में सूली पर चढ़ाया गया था.
Ans ईसाई धर्म का सबसे पवित्र चिन्ह क्रोस है.
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