दिल्ली का इतिहास | History of Delhi | दिल्ली भारत की राजधानी तथा एक केन्द्रशासित प्रदेश है. इसमें नई दिल्ली शामिल है जो भारत की राजधानी है. यह जनसँख्या के तौर पर भारत में दूसरा बड़ा नगर है
दिल्ली का इतिहास | History of Delhi
दिल्ली, भारत की राजधानी तथा एक केन्द्रशासित प्रदेश है. इसमें नई दिल्ली शामिल है जो भारत की राजधानी है. यह जनसँख्या के तौर पर भारत में दूसरा बड़ा नगर है. यहाँ की जनसँख्या लगभग 1 करोड़ 70 लाख है.
यमुना नदी के किनारें स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है. यह भारत का बहुत प्राचीन नगर है. इसके इतिहास का प्रारंभ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है. हरियाणा के आस-पास के क्षेत्रों में खुदाई के दौरान यह पाया गया है. महाभारत काल में इस क्षेत्र का नाम इन्द्रप्रस्थ था.
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दिल्ली का इतिहास
इस नगर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा इसका कोई सन्दर्भ नहीं पाया गया है, लेकिन यह व्यापक रूप से माना गया है की यह प्राचीन राजा “ढिल्लु” से संबंधित है. कुछ इतिहासकारों का मानना है की यह देहलीज का विकृत रूप है, जिसका हिन्दुस्तानी में अर्थ है “चौखट” जो की इस नगर के संभवतः सिन्धु-गंगा समभूमि के प्रवेश द्वार होने का सूचक है. एक अन्य अनुमान के अनुसार इस नगर का प्रारंभिक नाम “ढिलिका” था. हिंदी/प्राकृत ढीली भी इस क्षेत्र के लिए प्रयोग में लिया जाता है.
दिल्ली का इतिहास
दिल्ली का महाभारत में इन्द्रप्रस्थ के रूप में उल्लेख किया गया है, यह महाभारत काल में पांडवों की राजधानी था. दिल्ली का इतिहास बहुत प्राचीन है, करीब 730 ईसा पूर्व के दौरान मालवा के शासक “राजा धन्ना भील” के उत्तराधिकारी ने दिल्ली सम्राट को चुनौती दी थी.
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मौर्य-काल से यहाँ का विकास प्रारंभ हुआ था. पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि चंदबरदाई की रचना “पृथ्वीराज रासो” में तोमर राजा “अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है. दिल्ली/दिल्लिका शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों में पाया गया है. महाराज पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली का अंतिम हिन्दू शासक माना गया है.
1206 ई. के बाद दिल्ली “दिल्ली सल्तनत” की राजधानी बना था. इस पर खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश तथा लोदी वंश के समरत कुछ अन्य वंशों ने शासन किया था. ऐसा माना जाता है की आज की आधिनिक दिल्ली बनने से पहले दिल्ली सात बार उजड़ी तथा विभिन्न स्थानों पर बसी, जिनके कुछ आधुनिक दिल्ली में आज भी देखे जा सकते है.
दिल्ली का अंतिम मुग़ल शासक बादशाह बहादुरशाह जफर था. इसकी मृत्यु निर्वासन में ही रंगून में ही हुई थी. 1857 ई. के सिपाही विद्रोह के बाद दिल्ली पर ब्रिटिश शासन के हिसाब से शासन चलने लगा था.
1947 ई. में भारत की आजदी के बाद इसे अधिकारिक रूप से भारत की राजधानी घोषित कर दिया गया था. दिल्ली की राजभाषा हिंदी है.
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दिल्ली का इतिहास FAQ
Ans भारत की राजधानी नई दिल्ली है.
Ans जनसँख्या के तौर भारत का दूसरा बड़ा नगर दिल्ली है.
Ans दिल्ली की जनसँख्या लगभग 1 करोड़ 70 लाख है.
Ans महाभारत काल में इस क्षेत्र का नाम इन्द्रप्रस्थ था.
Ans महाभारत काल में पांडवों की राजधानी इन्द्रप्रस्थ थी.
Ans पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि चंदबरदाई की रचना “पृथ्वीराज रासो” में तोमर राजा “अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है.
Ans दिल्ली/दिल्लिका शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों में पाया गया है.
Ans महाराज पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली का अंतिम हिन्दू शासक माना गया है.
Ans 1206 ई. के बाद दिल्ली “दिल्ली सल्तनत” की राजधानी बना था.
Ans दिल्ली का अंतिम मुग़ल शासक बादशाह बहादुरशाह जफर था.
Ans 1947 ई. में भारत की आजदी के बाद इसे अधिकारिक रूप से भारत की राजधानी घोषित कर दिया गया था.
Ans दिल्ली की राजभाषा हिंदी है.
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