ओडिशा का इतिहास | History of Odisha | ओडिशा को पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर है
ओडिशा का इतिहास | History of Odisha
ओडिशा जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर है. यह उत्तर में झारखण्ड, उत्तर-पूर्व में पश्चिम बंगाल, दक्षिण में आन्ध्र प्रदेश तथा पश्चिम में छत्तीसगढ़ और पूर्व में बंगाल की खाड़ी स्थित है.
यह प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है, जिस पर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था. युद्ध में हुए भयानक रक्तपात से व्यतीत होकर अंततः बौद्ध धर्म अंगीकार किया था.
आधुनिक ओडिशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 ई. को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी. इस नए राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िया भाषी थे. राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस {ओडिशा दिवस} मनाया जाता है.
क्षेत्रफल के अनुसार ओडिशा भारत का 9वां सबसे बड़ा राज्य तथा जनसँख्या के अनुसार ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है. ओड़िया भाषा राज्य की अधिकारिक तथा सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है.
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नाम की उत्पत्ति
ओड़िशा नाम की उत्पत्ति संस्कृत के ओड्र विषय या ओड्र देश से हुई है. ओडवंश के राजा ओड्र ने इसे बसाया था. पाली व संस्कृत दोनों भाषाओँ के साहित्य में ओड्र लोगों का उल्लेख ओद्दाक व ओड्र रूप में किया गया है. प्लिनी व टॉलमी जैसे यूनानी लेखकों ने ओड्र लोगों का वर्णन ओरेट्स कहकर किया है.
ओडिशा का इतिहास
महाभारत में ओड्र का उल्लेख पौन्द्र, उत्काल, मैकल, कलिंग तथा आंध्र के साथ हुआ है. जबकि मनु के अनुसार ओड्र लोग पौन्द्रक, यवन, शक, परद, पल्लव, चिन कीरत तथा खरस से संबंधित है.
प्लिनी के प्राकृतिक इतिहास में ओरेस्ट लोग उस भूमि पर निवास करते थे, जहाँ मलेउस पर्वत खड़ा है. यहाँ यूनानी शब्द ओरेस्ट संभवतः संस्कृत के ओड्र का यूनानी संस्करण है. मलेउस पर्वत पलालहडा के निकट स्थित मलयगिरी है. प्लिनी ने मलेउस पर्वत के साथ मोन्देस तथा शरीस लोगों को भी जोड़ा है. यह संभवतः ओडिशा के पहाड़ी क्षेत्र में निवास करने वाले मुंडा तथा सवर लोग है.
रामायण में राम की माता कौशल्या, कोशल के राजा की पुत्री है. महाभारत में पांडवों ने एक वर्ष का अज्ञातवास राजा विराट के यहाँ रहकर बिताया था जो मत्स्य देश के राजा थे.
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ओडिशा पर तीसरी सदी ईसा पूर्व से शासन करने वाले वंश इस प्रकार है :-
ओडवंश, अमोघवाहन वंश, माठर वंश, नल वंश, विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोदभव वंश, भौमकर वंश, नंदोदभव वंश, सोम वंश के केशरी, गंग वंश गजपति और सुर्यवंश गजपति.
- ओडिशा में 30 जिले है.
- वर्तमान नाम ओडिशा से पूर्व इसका नाम उड़ीसा था.
- उड़ीसा नाम को ओडिशा में 04 नवम्बर, 2011 को अधिकारिक रूप से बदल दिया गया था.
- ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर है.
- ओडिशा की जनसंख्या 4,19,74,218 है.
- ओडिशा का क्षेत्रफल 155,707 किमी² है.
- ओडिशा का गठन 26 जनवरी 1950 ई. को हुआ था.
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ओडिशा का इतिहास FAQ
Ans ओडिशा को पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था.
Ans ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर है.
Ans ओडिशा का प्राचीन नाम कलिंग है.
Ans कलिंग पर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था.
Ans आधुनिक ओडिशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 ई. में हुई थी.
Ans ओडिशा की मुख्य भाषा ओड़िया थी.
Ans 1 अप्रैल को उत्कल दिवस {ओडिशा दिवस} मनाया जाता है.
Ans ओड़िशा नाम की उत्पत्ति संस्कृत के ओड्र विषय या ओड्र देश से हुई है.
Ans ओडिशा को ओडवंश के राजा ओड्र ने बसाया था.
Ans ओडिशा में 30 जिले है.
Ans उड़ीसा नाम को ओडिशा में 04 नवम्बर, 2011 को अधिकारिक रूप से बदल दिया गया था.
Ans ओडिशा की जनसंख्या 4,19,74,218 है.
Ans ओडिशा का क्षेत्रफल 155,707 किमी² है.
Ans ओडिशा का गठन 26 जनवरी 1950 ई. को हुआ था.
Ans महाभारत में पांडवों ने एक वर्ष का अज्ञातवास राजा विराट के यहाँ रहकर बिताया था.
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