सिक्ख तथा अंग्रेज part 1 | Sikh and English | गुरु गोविंद सिंह का निवास स्थान आनंदपुर साहिब था एवं कार्य स्थली पाओता थी. गुरु गोविंद सिंह ने फारसी में जफरनामा लिखे थे
सिक्ख तथा अंग्रेज part 1 | Sikh and English
गुरु गोविन्दसिंह ने अपने आप को सच्चा पादशाह कहा है. इन्होनें सिक्खों जके लिए “पांच ककार” अनिवार्य किए अर्थात प्रत्येक सिक्ख को केश, कंघा, कृपाण,कच्छा व कड़ा रखने की अनुमति दी तथा सभी लोगों को अपने नाम के अंत में सिंह शब्द जोड़ने के लिए कहा.
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गुरु गोविंद सिंह का निवास स्थान आनंदपुर साहिब था एवं कार्य स्थली पाओता थी. गुरु गोविंद सिंह ने फारसी में जफरनामा लिखे थे. इनके दो पुत्र फतेह सिंह एवं जोरावर सिंह को सरहिंद के मुगल फौजदार वजीर खा ने इनकों दीवार में चिनवा दिया था.
1699 ईस्वी में वैशाखी के दिन गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. पाहुल प्रणाली की शुरुआत भी गुरु गोविंद सिंह ने की थी. गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के धार्मिक ग्रंथ आदि ग्रंथ को वर्तमान रूप दिया और कहा कि अब गुरुवाणी सिख संप्रदाय के गुरु का कार्य करेगी.
गुरु गोविंद सिंह की हत्या 1780 में ईस्वी में नांदेड़ नामक स्थान पर गुल खां नामक पठान ने कर दी थी.
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बंदा बहादुर :- इनका जन्म 1670 ईस्वी में पूँछ जिले के रजौली गांव में हुआ था. इनके बचपन का नाम लक्ष्मण था. इनके पिता रामदेव भारद्वाज राजपूत थे. बंदा का उद्देश्य पंजाब में एक सिक्ख राज्य स्थापित करने का था. इसके लिए उन्होंने लोहागढ़ को राजधानी बनाया था. इन्होंने गुरु नानक गुरु व गोविंद सिंह के नाम के सिक्के चलवाए थे.
बंदा ने मुगल फौजदार वजीर खां की हत्या कर दी थी. मुगल बादशाह फर्रूखसियर के आदेश पर 1716 ईस्वी में बंदा सिंह को गुरूदासपुर नांगल नामक स्थान पर पकड़ कर मौत के घाट उतार दिया गया.
शाहदरा कत्लगढ़ी के नाम से विख्यात है जहां बंदा ने हजारों मुगल सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था. बंदा की मृत्यु के बाद सिक्ख कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गए थे. 1748 ईस्वी में नवाब कर्पुर सिंह की पहल पर सिक्ख टुकड़ियों का दल खालसा में विलय हुआ था.
दल खालसा को जस्सा सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में रखा गया, जिसे बाद में 12 दलों में विभाजित किया गया था, इसे मिसल कहां गया. मिसल अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ “समान” है.
रणजीत सिंह :- रणजीत सिंह का जन्म गुजरांवाला में 2 नवंबर 1780 ईस्वी को सुकरचकिया मिसल के मुख्या महा सिंह के यहां हुआ था. इनके दादा चरतसिंह ने 12 मिसलों में सुकरचकिया मिसल को प्रथम स्थान दिला दिया.
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सिक्ख तथा अंग्रेज part 1 FAQ
Ans गुरु गोविन्दसिंह ने अपने आप को सच्चा पादशाह कहा है.
Ans गुरु गोविन्दसिंह ने सिक्खों के लिए “पांच ककार” अनिवार्य किए थे.
Ans प्रत्येक सिक्ख को केश, कंघा, कृपाण,कच्छा व कड़ा रखने की अनुमति दी थी.
Ans गुरु गोविन्दसिंह ने सभी सिक्ख लोगों को अपने नाम के अंत में सिंह शब्द जोड़ने के लिए कहा था.
Ans गुरु गोविंद सिंह का निवास स्थान आनंदपुर साहिब था.
Ans गुरु गोविंद सिंह की कार्य स्थली पाओता थी.
Ans 1699 ईस्वी में वैशाखी के दिन गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी.
Ans पाहुल प्रणाली की शुरुआत भी गुरु गोविंद सिंह ने की थी.
Ans गुरु गोविंद सिंह की हत्या 1780 में ईस्वी में नांदेड़ नामक स्थान पर गुल खां नामक पठान ने कर दी थी.
Ans बंदा बहादुर का जन्म 1670 ईस्वी में पूँछ जिले के रजौली गांव में हुआ था.
Ans बंदा बहादुर के बचपन का नाम लक्ष्मण था.
Ans मुगल बादशाह फर्रूखसियर के आदेश पर बंदा सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया.
Ans 1716 ईस्वी में बंदा सिंह को गुरूदासपुर नांगल नामक स्थान पर पकड़ कर मौत के घाट उतार दिया गया.
Ans दल खालसा को जस्सा सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में रखा गया था.
Ans रणजीत सिंह का जन्म गुजरांवाला में 2 नवंबर 1780 ईस्वी को सुकरचकिया मिसल के मुख्या महा सिंह के यहां हुआ था.
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