भारतीय राष्ट्रीय पंचांग | भारत का राष्ट्रीय पंचांग शक संवत् पर आधारित है। ग्रिगेरियन कैलेण्डर का आधार भी शक संवत् ही है। शक संवत् का पहला महीना चैत्र का एवं अंतिम महोना फाल्गुन का होता है
भारतीय राष्ट्रीय पंचांग
भारत का राष्ट्रीय पंचांग शक संवत् पर आधारित है। ग्रिगेरियन कैलेण्डर का आधार भी शक संवत् ही है। शक संवत् का पहला महीना चैत्र का एवं अंतिम महोना फाल्गुन का होता है। शक संवत् कैलेण्डर का वर्ष सामान्यतः 365 दिनों का होता है। भारतीय संविधान ने शक संवत् को राष्ट्रीय पंचांग के रूप में ’22 मार्च, 1957′ को अपनाया था।
यह भी देखे :- शोक की रस्में
ग्रिगेरियन कैलेण्डर और राष्ट्रीय पंचाग की तिथियों में स्थायी रूप से समानता है। सामान्यतः चैत्र माह का पहला दिन 22 मार्च पड़ता है, यदि अधिवर्ष है तो 21 मार्च को पड़ेगा लेकिन हमेशा ही ऐसा हो आवश्यक नहीं है। प्रमुख रूप से राष्ट्रीय पंचांग जिन सरकारी उद्देश्यों के लिए अपनाया जाता है, वे हैं- (1) भारत का राजपत्र (2) आकाशवाणी से समाचार प्रसारण, (3) भारत सरकार द्वारा जारी किए गए कैलेण्डर प्रसारण (4) भारत सरकार द्वारा जारी सार्वजनिक विज्ञप्तियां आदि। राष्ट्रीय पंचांग के माह हैं- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन.
ग्रिगेरियन कलैण्डर (अंग्रेजी कलैण्डर) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य इस कलैण्डर का प्रारंभ 1 जनवरी से होता है एवं समाप्ति 31 दिसम्बर को होती है।
यह भी देखे :- वैवाहिक रीति-रिवाज
भारतीय राष्ट्रीय पंचांग FAQ
Ans – भारत का राष्ट्रीय पंचांग शक संवत् पर आधारित है।
Ans – ग्रिगेरियन कैलेण्डर का आधार भी शक संवत् ही है.
Ans – भारतीय संविधान ने शक संवत् को राष्ट्रीय पंचांग के रूप में ’22 मार्च, 1957′ को अपनाया था.
आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.
यह भी देखे :- डावरिया प्रथा