जैत्रसिंह | कुमारसिंह का वंशज जैत्रसिंह बड़ा प्रतापी शासक हुआ। जैत्र सिंह के समय दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश का नागदा पर आक्रमण हुआ
जैत्रसिंह
कुमारसिंह का वंशज जैत्रसिंह (1213-1253 ई.) बड़ा प्रतापी शासक हुआ। जैत्र सिंह के समय दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश का नागदा पर आक्रमण हुआ। संभवतः इल्तुतमिश ने 1222 ई. से 1229 के मध्य मेवाड़ पर आक्रमण किया।
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जयसिंह सूरि के हम्मीरमदमदन के अनुसार गुजरात के शासक वीरधवल के भय से इल्तुतमिश की सेनाएं भाग खड़ी हुई जबकि ओझा के अनुसार जैत्रसिंह ने इल्तुतमिश को परास्त कर पीछे धकेल दिया। लेकिन घमासान युद्ध के कारण नागदा को भारी क्षति पहुंची। इसीलिए जैत्रसिंह ने अपनी राजधानी नागदा से चित्तौड़ स्थानांतरित की।
कर्नल टॉड ने 1231 ई. में इल्तुतमिश की सेना को नागौर के पास युद्ध में परास्त होना बताया है। चीरवा तथा धाधसे के शिलालेख में इस आक्रमण की उपलब्धियों के संबंध में यह लिखा है कि म्लेच्छों का स्वामी भी जैत्रसिंह का मानमर्दन न कर सका। इस उल्लेख की पुष्टि समरसिंह के आबू के शिलालेख से होती है।

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जैत्रसिंह का अंतिम समय
जैत्र सिंह के अन्तिम काल के लगभग 1248 ई. में दिल्ली के सुल्तान नासिरूद्दीन महमूद ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया। परंतु जलालुद्दीन अपने प्राणों के भय के कारण चित्तौड़ के आस-पास जा छिपा। सुल्तान-नासिरुद्दीन उसको पकड़ने में सफल नहीं पाया तो पुनः दिल्ली लौट गया।
इस अभियान के दौरान जैत्र सिंह ने सुल्तान के मार्ग में कई कठिनाईयां उपस्थित की थी। इस आक्रमण का कारण फरिश्ता के अनुसार यह था कि सुल्तान ने अपने भाई जलालुद्दीन को कन्नौज से दिल्ली बुलाया।
डॉ. ओझा ने जैत्रसिंह की प्रशंसा में लिखा है कि ‘दिल्ली के गुलाम सुल्तानों के समय में मेवाड़ के राजाओं में सबसे प्रतापी और बलवान राजा जैत्रसिंह ही हुआ, जिसकी वीरता की प्रशंसा उसके विपक्षियों ने भी की है।
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जैत्रसिंह FAQ
Ans – जैत्रसिंह, कुमारसिंह का वंशज था.
Ans – इल्तुतमिश ने 1222 ई. से 1229 के मध्य मेवाड़ पर आक्रमण किया था.
Ans – कर्नल टॉड ने 1231 ई. में इल्तुतमिश की सेना को परास्त होना बताया है.
Ans – कर्नल टॉड ने इल्तुतमिश की सेना को नागौर के पास युद्ध में परास्त होना बताया है.
Ans – दिल्ली के सुल्तान नासिरूद्दीन महमूद ने 1248 ई. में मेवाड़ पर आक्रमण किया था.
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