जौहर प्रथा | यह पुराने समय में भारत में राजपूत स्त्रियों द्वारा की जाने वाली प्रथा थी. इस क्रिया में राजपूत स्त्रियाँ जौहर कुंड में आग लगाकर स्वयं का बलिदान कर देती थी
जौहर प्रथा
यह पुराने समय में भारत में राजपूत स्त्रियों द्वारा की जाने वाली प्रथा थी. इस क्रिया में राजपूत स्त्रियाँ जौहर कुंड में आग लगाकर स्वयं का बलिदान कर देती थी. जौहर क्रिया की सबसे अधिक घटनाएँ भारत पर मुग़ल आदि बाहरी आक्रमणकारियों के समय में हुई थी.
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यह मुस्लिम आक्रमणकारी हमला करने के बाद हराकर स्त्रियों को लूटकर उनका शीलभंग करते थे. इसलिए स्त्रियाँ हार निश्चित हो जाने पर जौहर कर लेती थी. इतिहास में जौहर के अनेक उदहारण मिलते है.
जब शत्रुओं के आक्रमण के समय राजपूत योद्धाओं के युद्ध से जीवित लौटने की कोई आशा नहीं रहती थी और न उनके दुर्ग का दुश्मन के हाथ से बचना सम्भव होता था, तो उस दशा में किले की स्त्रियों द्वारा सामूहिक रूप से अपने धर्म एवं आत्मसम्मान की रक्षा के लिए ‘अग्निदाह’ करने की प्रथा जौहर कहलाती थी।
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जौहर प्रथा FAQ
Ans – जौहर क्रिया राजपूत स्त्रियों द्वारा की जाती थी.
Ans – जौहर क्रिया की सबसे अधिक घटनाएँ भारत पर मुग़ल आदि बाहरी आक्रमणकारियों के समय में हुई थी.
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