लॉर्ड डलहौजी | Lord Dalhousie | भारत में ब्रिटिश राज का लॉर्ड डलहौजी गवर्नर जनरल था तथा इसका प्रशासन चलाने का तरीका साम्राज्यवाद से प्रेरित था। डलहौजी के काल मे राज्य विस्तार का काम अपने चरम पर था।
लॉर्ड डलहौजी | Lord Dalhousie
द्वितीय आंग्ल-सिक्ख युद्ध के दौरान तीन युद्ध लड़े गए थे :- प्रथम रामनगर का युद्ध- 13 जनवरी 1849 अनिर्णित, दूसरा चलियावाला का युद्ध- 13 जनवरी 1849 अनिर्णित, तीसरा युद्ध गुजरात {चिनाव नदी के किनारे} नामक स्थान पर 12 मार्च 1849 ई. को हुआ था.
द्वितीय आंग्ल-बर्मा युद्ध {1850 ई.} में लोअर बर्मा व पीगू को अंग्रेजी राज्य में मिला दिया गया था. डलहौजी ने सिक्किम पर दो अंग्रेज डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार आरोप लगा कर 1850 ई. में सिक्किम पर अधिकार जमा लिया था.
1852 ई. में एक इनाम कमीशन की स्थापना की गई. इसका उद्देश्य भूमिकर रहित जागीरों का पता करके उनसे जागीरें छीनना था.
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डलहौजी का शासनकाल व्यपगत सिद्धांत के कारण अधिक याद किया जाता है. इस निति के तहत अंग्रेजी साम्राज्य में विजय किए गए राज्य निम्न थे :- सर्वप्रथम सतारा 1848 ई., जैतपुर {बुंदेलखंड} व संभलपुर {उडीसा} 1849 ई. में, बघाट {हिमाचल प्रदेश} 1850 ई. में, उदेपुर {मध्य प्रदेश} 1852 ई. में, झाँसी 1853 ई. में, नागपुर 1854 ई में.
1856 ई. में अवध को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया था. उस समय अवध का नवाब वाजिद अली शाह था. 18 सदी में अवध राज्य का संस्थापक सआदत खां था.
1856 ई. में इसने तोपखाने के मुख्यालय को कलकत्ता से मेरठ स्थानांतरित किया व सेना का मुख्यालय शिमला में स्थापित किया. शिक्षा संबंधी सुधारों में डलहौजी ने 1854 ई. के वूड डिस्पैच को लागू किया. इसके अनुसार जिलों में एंग्लो-वर्नाक्युलर स्कूल, प्रमुख नगरों में सरकारी कॉलेजों तथा कैनिंग के समय में 1857 ई. में तीनों प्रेजिडेंसीयों कलकत्ता, मद्रास व बम्बई में एक-एक विश्वविद्यालय स्थापित किए गए व साथ ही प्रत्येक प्रदेश में एक शिक्षा निदेशक नियुक्त किया गया था.
- डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक कहा जाता है. इसी के समय में भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853 ई. में बम्बई से थाने के बीच {34 km} प्रथम रेल चलाई गई थी.
- सन 1854 ई. में नया पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ व भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन प्रारंभ हुआ.
- इसने पृथक रूप से भारत में पहली बार सार्वजानिक निर्माण विभाग की स्थापना की थी.
- इसने सन 1854 ई. में एक स्वतंत्र विभाग के रूप में लोक सेवा विभाग की स्थापना की.
- इसी के समय में 1853 ई. में कलकत्ता व आगरा के बीच पहली बार बिजली से संचालित तार-सेवा शुरू की गई थी.
- इसने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधनी बनाया था.
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1853 ई. के चार्टर एक्ट के द्वारा कंपनी के संचालक मंडल से कंपनी के प्रशासनिक अधिकारीयों की न्युक्ति का अधिकार वापस ले लिया गया व 1853 ई. से ही अधिकारितों की न्युक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की व्यवस्था की गई जिसके लिए उम्र सीमा 18 से 23 वर्ष रखी गई थी.
1. सत्येन्द्रनाथ टैगोर पहले भारतीय थे, जिन्होंने 1863 ई. में लन्दन में हुई सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी. 2. 1922 ई. में इलाहाबाद व लन्दन दोनों स्थानों पर सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाने लगा था.
डलहौजी ने नर-बलि प्रथा को रोकने का प्रयास किया था.
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लॉर्ड डलहौजी FAQ
Ans द्वितीय आंग्ल-सिक्ख युद्ध के दौरान तीन युद्ध लड़े गए थे.
Ans रामनगर का युद्ध 13 जनवरी 1849 को हुआ था यह युद्ध अनिर्णित रहा था.
Ans चलियावाला का युद्ध 13 जनवरी 1849 को हुआ था यह युद्ध अनिर्णित रहा था.
Ans डलहौजी ने सिक्किम पर 1850 ई. में पर अधिकार जमा लिया था.
Ans डलहौजी ने सिक्किम पर दो अंग्रेज डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार आरोप लगा कर सिक्किम पर अधिकार जमा लिया था.
Ans डलहौजी का शासनकाल व्यपगत सिद्धांत के कारण अधिक याद किया जाता है.
Ans 1856 ई. में अवध को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया था.
Ans अवध को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया था.
Ans 1852 ई. में एक इनाम कमीशन की स्थापना की गई थी.
Ans डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक कहा जाता है.
Ans भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853 ई. में बम्बई से थाने के बीच {34 km} रेल चलाई गई थी.
Ans डलहौजी ने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधनी बनाया था.
Ans डलहौजी ने पृथक रूप से भारत में पहली बार सार्वजानिक निर्माण विभाग की स्थापना की थी.
Ans 1853 ई. में कलकाता व आगरा के बीच पहली बार बिजली से संचालित तार-सेवा शुरू की गई थी.
Ans सत्येन्द्रनाथ टैगोर पहले भारतीय थे, जिन्होंने 1863 ई. में लन्दन में हुई सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी.
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