महाराणा अमर सिंह द्वितीय | अमरसिंह महाराणा जय सिंह के पुत्र व उत्तराधिकारी थे. वे सिसोदिया राजवंश से थे. उन्हें अमर सिंह के नाम से भी जाना जाता है
महाराणा अमर सिंह द्वितीय
महाराणा जयसिंह की मृत्यु के पश्चात् अमरसिंह द्वितीय मेवाड़ के सिंहासन पर बैठे। इन्होंने बागड व प्रतापगढ़ को पुनः अपने अधीन किया एवं जोधपुर व आमेर को मुगलों से मुक्त कराकर क्रमशः अजीतसिंह एवं सवाई जयसिंह को वापस वहाँ का शासक बनने में सहयोग दिया। इन्होंने अपनी पुत्री चन्द्र कुंवरी का विवाह जयपुर महाराजा सवाई जयसिंह से किया।
यह भी देखे :- राणा जयसिंह

अमरसिंह 2 का जन्म 1672 ई. में हुआ था. इनका राज्यभिषेक 1698 ई. को किया गया था. इनका स्वर्गवास 1710 ई. को हो गया था.
यह भी देखे :- महाराणा जगतसिंह प्रथम
अमरसिंह ने सफेद पत्थर का ‘शिवप्रसन्न अमरविलास’ नामक एक महल बनवाया, जो इस समय ‘बाड़ी महल’ के नाम से प्रसिद्ध है। महाराणा ने सभी सरदारों को सोलह (प्रथम श्रेणी के) और बत्तीस (द्वितीय श्रेणी) में विभाजित कर उनकी जागीरें निश्चित कर दी। महाराणा अमरसिंह (दूसरे) का देहान्त 10 दिसम्बर, 1710 को हुआ। महाराणा के केवल एक कुंवर-संग्रामसिंह और एक पुत्री चन्द्रकुंवरी हुई।
यह भी देखे :- राणा कर्णसिंह
महाराणा अमर सिंह द्वितीय FAQ
Ans – राणा अमरसिंह द्वितीय सिसोदिया वंश से थे.
Ans – अमरसिंह 2 का जन्म 1672 ई. में हुआ था.
Ans – अमरसिंह 2 का राज्यभिषेक 1698 ई. को किया गया था.
Ans – अमरसिंह 2 का स्वर्गवास 10 दिसम्बर, 1710 ई. को हुआ था.
Ans – महाराणा जयसिंह की मृत्यु के पश्चात् अमरसिंह द्वितीय मेवाड़ के सिंहासन पर बैठे थे.
Ans – ‘बाड़ी महल’ के नाम से प्रसिद्द महल ‘शिवप्रसन्न अमरविलास’ है.
आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.
यह भी देखे :- महाराणा अमरसिंह प्रथम