महिपाल प्रथम : गुर्जर-प्रतिहार वंश | हल्लद अभिलेख से प्रकट होता है की महिपाल 914 ई. में राज्य कर रहा था. इसको क्षितिपाल भी कहते है. यह एक कुशल व प्रतापी शासक सिद्ध हुआ था
महिपाल प्रथम : गुर्जर-प्रतिहार वंश
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हल्लद अभिलेख से प्रकट होता है की महिपाल 914 ई. में राज्य कर रहा था. इसको क्षितिपाल भी कहते है. यह एक कुशल व प्रतापी शासक सिद्ध हुआ था.
इसने अपने वंश को पुनः गौरव प्रदान किया था. इसके समय में अरब यात्री अलमसूद ने भारत यात्रा की थी तथा इसके वैभव व शक्ति की प्रशंसा भी की थी.
राष्ट्रकुटों से युद्ध : इस समय राष्ट्रकूट वंश में इंद्र तृतीयक शासन चल रहा था. काम्बे ताम्रपत्र से ज्ञात होता है की इंद्र तृतीय ने मालवा पर आक्रमण कर उज्जैन पर अधिकार कर लिया था. उसके हाथियों ने कालप्रिय मंदिर की चारदीवारी को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया था. यमुना पार कर इंद्र तृतीय ने महोदय {कन्नौज} को भी नष्ट कर डाला था. इंद्र तृतीय के वापस चले जाने के बाद कन्नौज पर पुनः अधिकार करने में चंदेल नरेश हर्ष ने सहयता दी थी.
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महिपाल का साम्राज्य विस्तार : पूर्व में महिपाल के साम्राज्य की सीमा पालों के अधीन बिहार की सीमा को छूती थी. वर्तमान उत्तर प्रदेश निश्चित रूप से उसके अधिकार में था. बंगाल एशियाटिक सोसायटी अभिलेख से प्रकट होता है की उसके राज्य में वाराणसी भी शामिल था.

कहला अभिलेख से सिद्ध होता है की कलचुरी वंश का राजा भीमदेव महिपाल के अधीन गोरखपुर प्रदेश का शासक था. पंजाब में इसने कुलुतों व रनठों को पराजित किया था. दक्षिण-पश्चिम में मालवा उसके अधीन था. परताबगढ़ अभिलेख से प्रकट होता है की इसने उज्जैन विजय की थी. वहीँ उसके सामंत भावन ने धारा को जीता था. दक्षिण में उसके राज्य के अंतर्गत बुंदेलखंड निश्चित रूप से शामिल था.
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महिपाल प्रथम FAQ
Ans हल्लद अभिलेख से प्रकट होता है की महिपाल 914 ई. में राज्य कर रहा था.
Ans महिपाल को क्षितिपाल के नाम से भी जाना जाता था.
Ans महिपाल के समय राष्ट्रकूट वंश में किसका शासन चल रहा था.
Ans काम्बे ताम्रपत्र से ज्ञात होता है की इंद्र तृतीय ने मालवा पर आक्रमण कर उज्जैन पर अधिकार कर लिया था.
Ans इंद्र तृतीय के वापस चले जाने के बाद कन्नौज पर पुनः अधिकार करने में चंदेल नरेश हर्ष ने सहयता दी थी.
Ans पूर्व में महिपाल के साम्राज्य की सीमा पालों के अधीन बिहार की सीमा को छूती थी.
Ans बंगाल एशियाटिक सोसायटी अभिलेख से प्रकट होता है की महिपाल के राज्य में वाराणसी भी शामिल था.
Ans कहला अभिलेख से सिद्ध होता है की कलचुरी वंश का राजा भीमदेव महिपाल के अधीन गोरखपुर प्रदेश का शासक था.
Ans परताबगढ़ अभिलेख से प्रकट होता है की महिपाल ने उज्जैन विजय की थी.
Ans महिपाल के सामंत भावन ने धारा को जीता था.
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