मराठों की शासन व्यवस्था | Maratha rule | शिवाजी के मंत्रिमंडल को अष्टप्रधान कहा जाता था| अष्टप्रधान में पेशवा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण एव सम्मान का होता था
मराठों की शासन व्यवस्था | Maratha rule
शिवाजी ने दरबार में मराठी को भाषा के रूप में प्रयोग किया| शिवाजी की सेना तीन महत्वपूर्ण भागों में विभक्त थी-
- पागा सेना :नियमित घुड़सवार सैनिक
- सिलदार : अस्थायी घुड़सवार सैनिक
- पैदल : पैदल सेना
शिवाजी को तोपें अग्रेंजो ने प्रदान की थी|
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महाराष्ट्र के प्रमुख संत
- ज्ञानेश्वर :- महाराष्ट्र में भक्ति आन्दोलन के जनक, मराठी भाषा व साहित्य के संस्थापक, भागवतगीता पर भावार्थदीपिका नामक बृहत् टीका लिखा, जिसे सामान्य रूप से ज्ञानेश्वरी के रूप से जाना जाता है.
- नामदेव :- इनके आराध्य पंढरपुर के बिठोबा या विट्ठल [विष्णु के रूप] थे. बिठोबा या विठ्थल की उपासना को वरकरी संप्रदाय के नाम से जाना जाता था, इसकी स्थापना नामदेव ने की थी. इनमें कुछ पद गुरुग्रन्थ साहिबा में शामिल है.
- एकनाथ :- इन्होनें रामायण पर भावार्थ रामायण नामक टीका लिखा था.
- तुकाराम :- इन्होंने भक्तिपरक कविताएँ लिखी थी, जिसे अभंग कहा जाता था. ये अभंग भक्तिपरक काव्य के ज्योतिपुंज है.
- रामदास :- महाराष्ट्र के अंतिम महान कवि रामदास थे. दशबोध उनकी रचनाओं व उपदेशों का संकलन है.
कर व्यवस्था
मराठा राज्य के अंतर्गत दो प्रकार के क्षेत्र होते थे-:
- स्वराज : जो क्षेत्र प्रत्यक्षत: मराठों के नियंत्रण में थे, उन्हें स्वराज कहा जाता है|
- मुघतई : यह वह क्षेत्र था जिसमें वे चौथ एवं सरदेशमुखी वसूल करते थे|
सरंजामी प्रथा का संबंध मराठा भू राजस्व व्यवस्था से है.
चौथ व सरदेशमुखी स्वराज से नहीं लिए जाते थे बल्कि उन जगहों से लिए जाते थे जहाँ मुगल व दक्कनी राजाओं का शासन था. चौथ भू-राजस्व का चौथाई था जो मराठों के उस क्षेत्र पर आक्रमण नहीं करने के लिए दिए जाते थे. सरदेशमुखी 10 % का अतरिक्त अधिभार था जो उस क्षेत्र से लाया जाता था जो मुगलों के अधीन था पर मराठा उस पर दावा करते थे.
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अष्टप्रधान
पेशवा (प्रधानमंत्री) :- राज्य के प्रशासन व अर्थव्यवस्था की देख-रेख
सरी-ए-नौबत :- सैन्य प्रधान
अमात्य :- आय-व्यय का लेखा-जोखा
वाकयानवीस :- सूचना, गुप्तचर व संधि-विग्रह के विभागों का अध्यक्ष
चिटनिस :- राजकीय पत्रों को देखकर उसकी भाषा शैली को देखना
सुमंत :- विदेशी मंत्री
पंडित राव :- धार्मिक कार्यों के लिए तिहती का निर्धारण
न्यायधीश :- न्याय विभाग का प्रधान
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मराठों की शासन व्यवस्था FAQ
Ans शिवाजी ने दरबार में मराठी को भाषा के रूप में प्रयोग किया.
Ans शिवाजी की सेना तीन महत्वपूर्ण भागों में विभक्त थी.
Ans शिवाजी को तोपें अग्रेंजो ने प्रदान की थी.
Ans महाराष्ट्र में भक्ति आन्दोलन के जनक ज्ञानेश्वर थे.
Ans मराठी भाषा व साहित्य के संस्थापक ज्ञानेश्वर थे.
Ans भागवतगीता पर भावार्थदीपिका नामक बृहत् टीका ज्ञानेश्वर ने लिखा था.
Ans भावार्थदीपिका को सामान्य रूप से ज्ञानेश्वरी के रूप से जाना जाता है.
Ans बिठोबा या विठ्थल की उपासना को वरकरी संप्रदाय के नाम से जाना जाता था.
Ans वरकरी संप्रदाय की स्थापना नामदेव ने की थी
Ans महाराष्ट्र के अंतिम महान कवि रामदास थे.
Ans रामदास की दशबोध उनकी रचनाओं व उपदेशों का संकलन है.
Ans मराठा राज्य के अंतर्गत दो प्रकार के क्षेत्र होते थे.
Ans जो क्षेत्र प्रत्यक्षत: मराठों के नियंत्रण में थे, उन्हें स्वराज कहा जाता है.
Ans सरंजामी प्रथा का संबंध मराठा भू राजस्व व्यवस्था से है.
Ans मराठा साम्राज्य में पेशवा [प्रधानमंत्री], राज्य के प्रशासन व अर्थव्यवस्था की देख-रेख करने वाले को कहा जाता था.
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