पाल राजवंश | Pala Dynasty | मध्यकालीन उत्तर भारत का सबसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण साम्राज्य पाल साम्राज्य को माना जाता है. 750-1174 ई. तक पाल साम्राज्य चला था
पाल राजवंश | Pala Dynasty
मध्यकालीन उत्तर भारत का सबसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण साम्राज्य पाल साम्राज्य को माना जाता है. 750-1174 ई. तक पाल साम्राज्य चला था। पाल क्षत्रिय राजवंश भी पाल राजवंश को कहा गया है ।
भारत के पूर्वी भाग में एक विशाल साम्राज्य इस राजवंश ने बनाया था | वास्तु कला को इस राज्य में बहुत बढावा मिला था। बौद्ध धर्म को पाल राजाओं के शासनकाल में बहुत बढावा मिला था।
पाल वंश के शासक हिन्दू थे किन्तु वे बौध्द धर्म को भी मानते थे । बौद्ध धर्म को पाल राजाओं के समय में बहुत संरक्षण मिला। बौद्ध धर्म के उत्थान के लिए पाल राजाओं ने बहुत से कार्य किये जो कि इतिहास में अंकित है।
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पाल राजाओं ने शिक्षा के लिए विश्वविद्यालयों का निर्माण तथा हिन्दू धर्म को आगे बढ़ने के लिए शिव मंदिरों का निर्माण करवाया था.
पाल वंश का संथापक गोपाल था. पाल वंश की स्थापना 750 ई. में हुई थी. पाल वंश की राजधानी मुंगेर थी. गोपाल ने ओदंतपुरी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. पाल वंश का सबसे महान शासक धर्मपाल था, इसने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.
कन्नौज के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष पाल वंश, गुर्जर प्रतिहार वंश व राष्ट्रकूट वंश के मध्य हुआ था. इस त्रिपक्षीय संघर्ष में पाल वंश की ओर से सर्वप्रथम धर्मपाल सम्मलित हुआ था.
ग्यारहवी सदी के गुजरती कवि सोड्ठल ने धर्मपाल को उत्तरापथ स्वामी की उपाधि से संबोंधित किया था. सोमपुर महाविहार का निर्माण धर्मपाल ने करवाया था. ओदंतपुरी के प्रसिद्ध बौद्ध मठ का निर्माण देवपाल ने करवाया था.
जावा के शैलेंद्रवंशी शासक बाल्पुत्र देव के अनुरोध पर देवपाल ने उसे नालंदा में एक बौद्ध विहार बनावने के लिए पांच गाँव दान दिए थे. गौड़ीरीती नामक साहित्यिक विद्या का विकास पाल शासकों के समय हुआ था.
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पाल वंश की वंशावली
- गोपाल प्रथम [750 ई. से 770 ई.]
- धर्मपाल [770 ई. से 810 ई.]
- देवपाल [810 ई. से 850 ई.]
- विग्रहपाल [850 ई. से 860 ई.]
- नारायणपाल [860 ई. से 915 ई.]
- गोपाल द्वितीय [940 ई. से 957 ई.]
- महिपाल प्रथम [978 ई. से 1030 ई.]
- नयपाल [1030 ई. से 1055 ई.]
- महिपाल द्वितीय [1070 ई. से 1075 ई.]
- रामपाल [1075 ई. से 1120 ई.]
- गोपाल तृतीय [1145 ई.]
- मदनपाल [1144 ई. से 1162 ई.]
- गोविन्द पाल [1162 ई. से 1174 ई.]
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पाल राजवंश FAQ
Ans मध्यकालीन उत्तर भारत का सबसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण साम्राज्य पाल साम्राज्य को माना जाता है.
Ans . 750-1174 ई. तक पाल साम्राज्य चला था.
Ans पाल क्षत्रिय राजवंश भी पाल राजवंश को कहा गया है.
Ans बौद्ध धर्म को पाल राजाओं के शासनकाल में बहुत बढावा मिला था.
Ans पाल वंश के शासक हिन्दू धर्म के अनुनायी थे.
Ans पाल वंश का संथापक गोपाल था
Ans पाल वंश की स्थापना 750 ई. में हुई थी.
Ans पाल वंश की राजधानी मुंगेर थी.
Ans गोपाल ने ओदंतपुरी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.
Ans पाल वंश का सबसे महान शासक धर्मपाल था.
Ans विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना धर्मपाल ने की थी.
Ans कन्नौज के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष पाल वंश, गुर्जर प्रतिहार वंश व राष्ट्रकूट वंश के मध्य हुआ था.
Ans त्रिपक्षीय संघर्ष में पाल वंश की ओर से सर्वप्रथम धर्मपाल सम्मलित हुआ था.
Ans सोमपुर महाविहार का निर्माण धर्मपाल ने करवाया था.
Ans ओदंतपुरी के प्रसिद्ध बौद्ध मठ का निर्माण देवपाल ने करवाया था.
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