बागड़ का परमार राजवंश | मेवाड़ का डूंगरपुर व् बाँसवाड़ा का क्षेत्र बागड़ कहलाता है. इस क्षेत्र पर डबरसिंह परमार ने 10वीं सदी की शुरुआत में राज्य की स्थापना की थी
बागड़ का परमार राजवंश
मेवाड़ का डूंगरपुर व् बाँसवाड़ा का क्षेत्र बागड़ कहलाता है. इस क्षेत्र पर डबरसिंह परमार ने 10वीं सदी की शुरुआत में राज्य की स्थापना की थी
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इस वंश के शासकों में धनिक-कंकदेव, सत्यराज, मण्डलीक चामुण्डराज, विजयराज आदि हुए। इस शाखा का अंतिम शासक सम्भवतः विजयराज था। लगभग 1179 ई. में गुहिल नरेश सामन्तसिंह ने बागड़ पर अधिकार कर इस राज्य पर परमारों के शासन को ही समाप्त कर दिया।
बागड़ के परमार वंश ने बहुत कम समय के लिए शासन किया था. अथूणा बागड़ परमारों की राजधानी थी जिसके खण्डर परमारों के पराक्रम को आज भी प्रदर्शित करते हैं।
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बागड़ का परमार राजवंश FAQ
Ans – मेवाड़ का डूंगरपुर व् बाँसवाड़ा का क्षेत्र बागड़ कहलाता है.
Ans – बागड़ के परमार वंश का शासन 1179 ई. को समाप्त हुआ था.
Ans – बागड़ के परमार वंश का शासन गुहिल नरेश सामन्तसिंह ने समाप्त किया था.
Ans – बागड़ परमारों की राजधानी अथूणा थी.
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