परमार राजवंश | Parmar Dynasty | परमार वंश का संस्थापक उपेंद्रराज था. इसकी राजधानी धारा नगरी थी. इस वंश का सबसे शक्तिशाली शासक राजा भोज था
परमार राजवंश | Parmar Dynasty
परमार वंश का संस्थापक उपेंद्रराज था. इसकी राजधानी धारा नगरी थी. इस वंश का सबसे शक्तिशाली शासक राजा भोज था. राजा भोज ने भोपाल के दक्षिण में भोजपुर नामक झील का निर्माण करवाया था.
नैषधीयचरित के लेखक श्रीहर्ष एवं प्रबंधचिंतामणि के लेखक मेरुतुंग थे. राजा भोज ने चिकित्सा, गणित व व्याकरण पर अनेक ग्रन्थ लिखे थे. भोजकृत युक्तिकल्पतरु में वास्तुशास्त्र के साथ-साथ विविध वैज्ञानिक यंत्रों व उनके उपयोग का वर्णन है.
नवसाहसांकचरित के रचियता पद्मगुप्त, दशरूप के रचियता धनंजय, धनिक, हलायुध, एवं अमितगति जैसे विद्वान् वाक्यपति पति मंजू के दरबार में रहरते थे. राजा भोज कविराज की उपाधि से विभूषित शासक हे.
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भोज ने अपनी राजधानी में सरस्वती मंदिर का निर्माण करवाया था. इस मंदिर के परिसर में संस्कृत विद्यालय भी खोला गया था. राजा भोज के शासनकाल में धारा नगरी विद्वान् व विद्वानों की प्रमुख केंद्र थी. इसने चित्तौड में त्रिभुवन नारायण मंदिर का निर्माण करवाया था.
भोजपुर नामक नगर की स्थापना राजा भोज ने की थी. परमार वंश के अब्द तोमर वंश, उसके बाद चाहमान वंश तथा अनन्त 1297 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खां व उलुग खां ने मालवा पर अधिकार कर लिया था.
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परमार राजवंश के शासक
- उपेन्द्र [800 ई. से 818 ई.)
- वैरीसिंह प्रथम [818 ई. से 843 ई.)
- सियक प्रथम [843 ई. से 893 ई.]
- वाकपति [893 ई. से 918 ई.]
- वैरीसिंह द्वितीय [918 ई. से 948 ई.]
- सियक द्वितीय [948 ई. से 974 ई.]
- वाकपतिराज [974 ई. से 995 ई.]
- सिंधुराज [995 ई. से 1010 ई.]
- भोज प्रथम [1010 ई. से 1055 ई.]
- जयसिंह प्रथम [1055 ई. से 1060 ई.]
- उदयादित्य [1060 ई. से 1087 ई.]
- लक्ष्मणदेव [1087 ई. से 1097 ई.]
- नरवर्मन [1097 ई. से 1134 ई.]
- यशोवर्मन [1134 ई. से 1142 ई.]
- जयवर्मन प्रथम [1142 ई. से 1160 ई.]
- विंध्यवर्मन [1160 ई. से 1193 ई.]
- सुभातवर्मन [1193 ई. से 1210 ई.]
- अर्जुनवर्मन I [1210 ई. से 1218 ई.]
- देवपाल [1218 ई. से 1239 ई.]
- जयतुगीदेव [1239 ई. से 1256 ई.]
- जयवर्मन द्वितीय [1256 ई. से 1269 ई.]
- जयसिंह द्वितीय [1269 ई. से 1274 ई.]
- अर्जुनवर्मन द्वितीय [1274 ई. – 1283 ई.]
- भोज द्वितीय [1283 ई. से ? ई.]
- महालकदेव [? से 1305 ई.]
- संजीव सिंह परमार [1305 – 1327 ई.]
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परमार राजवंश FAQ
Ans परमार वंश का संस्थापक उपेंद्रराज था.
Ans परमार वंश की राजधानी धारा नगरी थी.
Ans परमार वंश का सबसे शक्तिशाली शासक राजा भोज था.
Ans राजा भोज ने भोपाल के दक्षिण में भोजपुर नामक झील का निर्माण करवाया था.
Ans नैषधीयचरित के लेखक श्रीहर्ष था.
Ans प्रबंधचिंतामणि के लेखक मेरुतुंग थे.
Ans नवसाहसांकचरित के रचियता पद्मगुप्त थे.
Ans दशरूप के रचियता धनंजय थे.
Ans राजा भोज कविराज की उपाधि से विभूषित शासक हे.
Ans भोज ने अपनी राजधानी में सरस्वती मंदिर का निर्माण करवाया था.
Ans चित्तौड में त्रिभुवन नारायण मंदिर का निर्माण राजा भोज ने करवाया था.
Ans भोजपुर नामक नगर की स्थापना राजा भोज ने की थी.
Ans परमार वंश के बाद तोमर वंश ने मालवा पर शासन किया था.
Ans तोमर वंश के बाद चाहमान वंश ने मालवा पर शासन किया था.
Ans 1297 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खां व उलुग खां ने मालवा पर अधिकार कर लिया था.
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