राणा जयसिंह | महाराणा राजसिंह के बाद उनके पुत्र जय सिंह को मेवाड़ का महाराणा बनाया गया था. उनका राज्यभिषेक कुरज गाँव में किया गया था
राणा जयसिंह
नये राणा जयसिंह और मुगलों की शक्ति के बीच सन्धि-वार्ता हुई जिसके अन्तर्गत मेवाड़ के लिए पुर, मण्डल और बदनौर को जजिया के एवज में देना निश्चित हुआ। ऐसा करने पर मुगल अपनी सेना मेवाड़ से हटा लेंगे। राणा को अपने पैतृक राज्य का स्वामी माना जाएगा और उसे पाँच हजारी मनसब दिया जाएगा।
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सन्धि के प्रस्ताव के अनुसार युद्ध स्थगित कर दिया गया। यद्यपि मुगल-मेवाड़ युद्ध स्थगित कर दिया गया, पर इससे आन्तरिक वैमनस्य की इतीश्री नहीं हुई। फिर भी यह मानना पड़ेगा कि भविष्य में राजपूत अपनी ओर से दक्षिण अभियान में मुगलों के सहयोगी न रहे। वे तटस्थ दर्शक के रूप में औरंगजेब की उलझनों को देखते रहे।
महाराणा जयसिंह ने उदयपुर से डेढ़ मील उत्तर में देवाली गांव के पास एक तालाब बनवाया। महाराणा जयसिंह ने दूसरा तालाब उदयपुर से पांच मील दूर वायव्य कोण में थूर गांव के पास बनवाया, जो ‘थूर का तालाब’ कहलाता है। महाराणा ने इसी वर्ष उदयपुर से 32 मील दूर दक्षिण-पूर्व में ‘जयसमुद्र’ नामक बड़े विशाल तालाब की नींव डाली।
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गोमती, झामरी, रूपारेल और बगार नामक चार छोटी नदियों का जल एकत्र होकर दो पहाड़ों के बीच ढेबर नामक नाके में होकर निकलता था, जहां बांध बांधने के कारण लोग उसको ‘ढेबर’ भी कहते हैं। इस तालाब के बनने में दस गांव डूब गये, जिनके चिह्न जल कम होने पर होने पर नजर आते हैं। 22 मई, 1691 को इस तालाब की प्रतिष्ठा हुई, जिसके उपलक्ष्य में महाराणा ने सुवर्ण का तुलादान किया। महाराणा ने जयसमंद झील का निर्माण करवाया जिसे ढेबर झील भी कहते है. इसी झील पर दो टापू बनाए गए है, जिन्हें ‘बाबा का मगरा और प्यारी’ नाम दिया गया है.
राणा शांतिप्रिय,दानी,धर्मनिष्ठ और उदार व्यक्ति थे. उन्होंने भी कुछ समय तक औरंगजेब से युद्ध किया था, लेकिन बाद में संधि कर ली थी.
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राणा जयसिंह FAQ
Ans – महाराणा राजसिंह के बाद उनके पुत्र जय सिंह को मेवाड़ का महाराणा बनाया गया था.
Ans – जय सिंह का राज्यभिषेक कुरज गाँव में किया गया था.
Ans – ‘थूर का तालाब’ का निर्माण जय सिंह ने करवाया था.
Ans – जयसमंद झील का निर्माण जय सिंह करवाया था.
Ans – ढेबर झील जयसमंद झील को कहा जाता है.
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