राणा कर्णसिंह | अमरसिंह की मृत्यु के बाद कर्णसिंह मेवाड़ का शासक बना। महाराणा कर्णसिंह का जन्म 7 जनवरी, 1584 को और राज्याभिषेक 26 जनवरी, 1620 को हुआ
राणा कर्णसिंह
अमरसिंह की मृत्यु के बाद कर्णसिंह मेवाड़ का शासक बना। महाराणा कर्णसिंह का जन्म 7 जनवरी, 1584 को और राज्याभिषेक 26 जनवरी, 1620 को हुआ। राज्याभिषेक के उत्सव पर जहाँगीर ने राणा की पदवी का फरमान, खिलअत आदि भेजे। उसने मुगल ढाँचे पर राज्य को परगनों में बाँटा और उनके अन्तर्गत कई गाँव सम्मिलित किये।
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इन इकाइयों के अधिकारी पटेल, पटवारी और चौधरी नियुक्त किये गये। इन सुधारों से स्थायित्व की भावनाओं को बल मिला और व्यापार तथा वाणिज्य की सुव्यवस्था हो गयी। जब खुर्रम ने अपने पिता के विरुद्ध विद्रोह किया (1622 ई.) तो माना जाता है कि वह पहले कुछ दिन देलवाड़ा की हवेली में ठहरा, फिर जगमंदिर में।

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तब उसे पिछोला झील के महलों में पनाह देकर और यहाँ से शान्तिपूर्वक माण्डू के मार्ग से दक्षिण भेजकर राणा कर्णसिंह ने अपने संबंधों को खुर्रम से और अच्छा कर लिया। उसका भाई भीम भी खुर्रम के साथ राज्याधिकार युद्ध में सहयोगी बना रहा। जब खुर्रम जहाँगीर की मृत्यु होने पर सम्राट बनने आगरा जा रहा था तब कर्ण ने उसका गोगुन्दा में स्वागत किया और उसकी यात्रा के लिए सुरक्षा का प्रबन्ध अपनी सीमा में कर दिया।
कर्णसिंह इस घटना के बाद अस्वस्थ हुआ और उसकी 1628 ई. में मृत्यु हो गयी। कर्णसिंह ने निर्माण कार्य में भी विशेष रूप से कर्ण विलास, दिलखुश महल, बड़ा दरीखना आदि में मुगल स्थापत्य की विशेषताओं को स्थान देकर सामंजस्य की भावना को स्वीकार किया। महाराणा कर्णसिंह ने जगमंदिर महलों को बनवाना शुरु किया, जिसे उनके पुत्र महाराणा जगतसिंह प्रथम ने समाप्त किया। इसी से ये महल जगमंदिर कहलाते हैं।
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राणा कर्णसिंह FAQ
Ans – अमरसिंह की मृत्यु के बाद कर्णसिंह मेवाड़ का शासक बना.
Ans – महाराणा कर्णसिंह का जन्म 7 जनवरी, 1584 को हुआ था.
Ans – महाराणा कर्णसिंह का राज्याभिषेक 26 जनवरी, 1620 को हुआ था.
Ans – महाराणा कर्णसिंह की मृत्यु 1628 ई. को हुई थी.
Ans – जगमंदिर का निर्माण जगत सिंह प्रथम के काल में पूर्ण हुआ था.
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