राणा लाखा | वे राणा क्षेत्रसिंह का पुत्र था। उसने बदनौर प्रदेश को अपने अधीन कर लिया। उसने कई किलों का निर्माण करवाया
राणा लाखा
राणा लाखा, राणा क्षेत्रसिंह का पुत्र था। उसने बदनौर प्रदेश को अपने अधीन कर लिया। उसके दरबार में ‘झोटिंग भट्ट’ और ‘धनेश्वर भट्ट’ की विद्यमानता संस्कृत साहित्य के उत्थान का प्रमाण है। राणा लाखा के समय में जावर माइन्स से चांदी और सीसा बहुत अधिक मात्रा में निकलने लगा जिससे आर्थिक समृद्धि बढ़ी।
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जिससे उसने कई किलों का निर्माण करवाया। इनके समय में एक बनजारे ने पिछोला झील का निर्माण करवाया। उसके साथ बूंदी के नकली दुर्ग की कथा जुड़ी हुई है, जिसकी रक्षा के लिए कुम्भा हाड़ा ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।

एक दिन जब महाराणा लाखा अपने दरबार में बैठे हुए थे कि राठौड़ रणमल की बहन हंसाबाई के संबंध में नारियल महाराणा कुँवर चूँडा के लिए आये। उस समय चूँडा उपस्थित न थे। महाराणा ने हँसी में कह दिया कि नारियल अब बूढ़ों के लिए कौन लाये ? रणमल ने यह सुनकर कहलवा भेजा कि यदि हंसाबाई से होने वाले पुत्र का मेवाड़ की गद्दी पर अधिकार स्वीकार किया जाए तो उसका विवाह लाखा से कर दिया जाएगा।
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अब राणा बड़े असमंजस में पड़े। चूँडा के ज्येष्ठ पुत्र होते हुए ऐसा करना उचित न था। चूँडा ने जब यह स्थित देखी तो उसने प्रत्युत्तर में रणमल को कहलवा भेजा कि वह राज्य का अधिकार छोड़ने के लिए उद्यत है यदि राणा से हंसाबाई का विवाह सम्पन्न हो जाए। महाराणा ने हंसाबाई से विवाह किया जिससे मोकल नामक पुत्र हुआ।
राणा लाखा के बड़े पुत्र चूँडा ने यह प्रतिज्ञा ली कि ‘मेवाड़ के सिंहासन पर उसका या उसके उत्तराधिकारी का कोई अधिकार नहीं होगा, बल्कि राजकुमारी हंसाबाई से उत्पन्न होने वाली संतान का होगा। हंसाबाई ने मोकल को जन्म दिया और वह मेवाड़ का राणा बना न कि चूँडा।’ इसलिए राजस्थान के इतिहास में राजकुमार चूँडा को न कि राव चूँडा को राजस्थान का भीष्म पितामह’ कहा जाता है।
चूँडा के त्याग से प्रसन्न होकर लाखा ने चूँडा को मोकल का रक्षक नियुक्त किया और यह नियम कर दिया कि भविष्य में मेवाड़ के महाराणाओं के सभी पट्टों, परवानों और सनदों पर चूँडा और उसके वंशाजों के भाले का निशान अंकित होता रहेगा।
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राणा लाखा FAQ
Ans – राणा लाखा के पिता का नाम राणा क्षेत्रसिंह था.
Ans – राणा लाखा के बाद मेवाड़ का शासक राणा मोकल बने थे.
Ans – राजस्थान का भीष्म पितामह राजकुमार चूँडा को कहा जाता है.
Ans – चूँडा के त्याग से प्रसन्न होकर लाखा ने चूँडा को मोकल का रक्षक नियुक्त किया.
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