राव कल्याणमल | राव मालदेव की पराजय के बाद सन् 1544 में राव कल्याणमल बीकानेर का शासक बना। सन् 1574 में राव कल्याण मल की मृत्यु हुई
राव कल्याणमल
राव मालदेव की पराजय के बाद सन् 1544 में राव कल्याणमल बीकानेर का शासक बना। कल्याणमल ने शेरशाह सूरी के मदद से बीकानेर को मालदेव से जीता था. वह बीकानेर का पहला शासक था जिसने सन् 1570 ई. को अकबर के नागौर दरबार में उपस्थित होकर उसकी अधीनता स्वीकार की एवं मुगलों से वैवाहिक संबंध स्थापित किये। इन्होंने अपने छोटे पुत्र पृथ्वीराज, जो उच्च कोटि का कवि था को अकबर की सेवा में छोड़ दिया। पृथ्वीराज की गिनती अकबर के नवरत्नों में होती थी।
यह भी देखे :- राव जैतसी
पृथ्वीराज द्वारा ‘बेलि किसन रुक्मिणी री’ नामक प्रसिद्ध काव्य ग्रंथ की रचना की गयी। अकबर ने नागौर दरबार के पश्चात् 1572 ई. में राव कल्याणमल के पुत्र रायसिंह को जोधपुर की देखरेख के लिए नियुक्त किया। सन् 1574 में राव कल्याणमल की मृत्यु हुई।
यह भी देखे :- राव लूणकर्ण
कुंवर पृथ्वीराज बड़ा वीर, विष्णु का परम भक्त और ऊंचे दर्जे का कवि था। संस्कृत और डिंगल साहित्य का उसको बड़ा अच्छा ज्ञान था।
कर्नल टॉड ने लिखा है कि- “पृथ्वीराज अपने समय का सर्वोच्च वीर व्यक्ति था और पश्चिमीय ” टूवेडार” राजकुमारों की भांति अपनी ओजस्विनी कविता के द्वारा किसी भी कार्य का पक्ष उन्नत कर सकता था तथा स्वयं तलवार लेकर लड़ भी सकता था।” कल्याणमल के आग्रह पर भट्ट सदाशिव ने ‘राज विनोद’ की रचना की।
यह भी देखे :- राव बीका
राव कल्याणमल FAQ
Ans – कल्याणमल 1544 ई. को बीकानेर का शासक बना था.
Ans – कल्याणमल ने मारवाड़ के शासक मालदेव को पराजित कर बीकानेर पर शासन किया था.
Ans – बीकानेर का वह पहला शासक कल्याणमल था जिसने अकबर की अधीनता स्वीकार की थी.
Ans – राव कल्याण मल की मृत्यु 1574 ई. को हुई थी.
आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.
यह भी देखे :- महाराजा सरदारसिंह