तुगलक वंश के शासक part 1 | Rulers of Tughlaq Dynasty | 5 सितम्बर 1320 ई. को खुशरो खां को पराजित करके गाजी मलिक या तुगलक गाजी गयासुद्दीन तुगलक नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा था
तुगलक वंश के शासक part 1 | Rulers of Tughlaq Dynasty
गयासुद्दीन ने अलाउद्दीन के समय में ली गई अमीरों की भूमि को लौटा दिया था.
इसने सिंचाई के लिए कुँए व नहरों का निर्माण करवाया था. संभवतः नहरों का निर्माण करने वाला गयासुद्दीन प्रथम शासक था. इसने दिल्ली के निकट स्थित पहाड़ियों पर तुगलकाबाद नाम ओका एक नया नगर बसाया था. रोमन शैली में निर्मित इस नगर में एक दुर्ग का भी निर्माण हुआ था. इस दुर्ग को छप्पनकोट ने नाम से जाना जाता है.
गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ई. में बंगाल अभियान से लौटते समय जूना खां द्वारा निर्मित लकड़ी के महल में दबकर हुई थी. गयासुद्दीन के बाद उलुग खां या जूना खां मुहम्मद बिन तुगलक के नाम से 1325 ई. सिंहासन पर बैठा था.
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मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद तुगलक सर्वाधिक शिक्षित, विद्वान व योग्य था. मुहम्मद बिन तुगलक को अपनी सनक भरी योजनाओं, क्रूर कृत्य व दुसरे के सुख-दुःख के प्रति उपेक्षा भाव रखने के कारण स्वपनशील, पागल व रक्तपिपासु कहा गया है.
मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि विकास के लिए अमीर-ए-कोही नामक नवीन विभाग की स्थापना की थी. मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरी स्थानांतरण की व इसका नाम दौलताबाद बाद रखा गया था.

मुहम्मद बिन तुगलक अपने प्रत्येक मलिक के सम्मान में दो पोशाक दिया करता था :- एक जाड़े में व दूसरी गर्मी मे. कहा जाता है की डाक प्रबंधों के द्वारा मुहम्मद बिन तुगलक के लिए ताजे फल व पीने के लिए गंगाजल मंगवाया जाता था.
सांकेतिक मुद्रा के अंतर्गत मुहम्मद बिन तुगलक ने कांसा व तांबे की धातुओं के सिक्के चलाए थे, जिनका मूल्य चांदी के रूपये टंका के बराबर होता था. एडवर्ड थॉमस ने मुहम्मद बिन तुगलक को प्रिंस ऑफ़ मनीअर्स की संज्ञा दी थी.
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अफ़्रीकी यात्री इब्न बतूता लगभग 1333 ई. में भारत आया था. सुल्तान ने इसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया था. 1342 ई. में सुल्तान ने इसे अपने राजदूत के रूप में चीन भेजा था.
मुहम्मद तुगलक के समय जिया नक्शबी पहला यक्ति था जिसने संस्कृत कथाओं की श्रृंखला का फारसी में अनुवाद किया था. इस पुस्तक का नाम तूती नामा था. इस पुस्तक में एक तोता ऐसी विरहिणी नायिका की कहानी सुनाता है, जिसका पति यात्रा पर गया है.
मुहम्मद तुगलक ने जिन प्रभु सूरी नामक जैन साधू को अपने दरबार में बुलाकर सम्मान प्रदान किया था. मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु 20 मार्च 1351 ई. को सिंध जाते वक्त थट्टा के निकट गोडाल में हो गई थी.
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तुगलक वंश के शासक part 1 FAQ
Ans खुशरो खां को पराजित करके “गाजी मलिक या तुगलक गाजी” “गयासुद्दीन तुगलक” नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा था.
Ans 5 सितम्बर 1320 ई. को गयासुद्दीन तुगलक दिल्ली के सिंहासन पर बैठा था.
Ans गयासुद्दीन ने अलाउद्दीन के समय में ली गई अमीरों की भूमि को लौटा दिया था.
Ans संभवतः नहरों का निर्माण करने वाला गयासुद्दीन प्रथम शासक था.
Ans गयासुद्दीन ने दिल्ली के निकट स्थित पहाड़ियों पर तुगलकाबाद नामक एक नया नगर बसाया था.
Ans गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ई. में हुई थी.
Ans गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु बंगाल अभियान से लौटते समय हुई थी.
Ans गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु जूना खां द्वारा निर्मित लकड़ी के महल में दबकर हुई थी.
Ans गयासुद्दीन के बाद उलुग खां या जूना खां सिंहासन पर बैठा था.
Ans उलुग खां या जूना खां मुहम्मद बिन तुगलक के नाम से सिंहासन पर बैठा था.
Ans मुहम्मद बिन तुगलक 1325 ई. में सिंहासन पर बैठा था.
Ans मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद तुगलक सर्वाधिक शिक्षित, विद्वान व योग्य शासक था.
Ans मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि विकास के लिए अमीर-ए-कोही नामक नवीन विभाग की स्थापना की थी.
Ans मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु 20 मार्च 1351 ई. को हो गई थी.
Ans मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु सिंध जाते वक्त थट्टा के निकट गोडाल में हो गई थी.
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