सवाई जगतसिंह द्वितीय | प्रतापसिंह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र जगतसिंह द्वितीय गद्दी पर बैठे. जगतसिंह का राज्याभिषेक 1803 ई. को किया गया था
सवाई जगतसिंह द्वितीय
प्रतापसिंह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र जगतसिंह द्वितीय जयपुर गद्दी पर बैठे. इनके समय जयपुर राज्य एवं जोधपुर महाराजा मानसिंह के मध्य मेवाड़ के महाराणा भीमसिंह की पुत्री कृष्णा कुमारी के विवाह को लेकर विवाद हुआ, जिसमें जयपुर की सेना ने जोधपुर की सेना को मार्च, 1807 ई. में ‘गंगोली’ के निकट युद्ध में हराया।
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इसकी पासवान रसकपूर के कारण काफी बदनामी हुई और उसके कारण राजकीय खजाना खाली हो गया। 1818 ई. में मराठों एवं पिंडारियों से राज्य की रक्षा करने हेतु जगतसिंह द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कंपनी से संधि कर राज्य की सुरक्षा का भार कम्पनी पर डाल दिया।
21 दिसम्बर, 1818 ई. को जगतसिंह द्वितीय का देहान्त हो गया। उनके बाद उनके नाबालिग पुत्र जयसिंह तृतीय (1818-1835 ई.) गद्दी पर बैठे। परंतु 1835 ई. में इनका भी देहान्त हो गया। तब इनके 16 माह के पुत्र रामसिंह द्वितीय जयपुर के राजा बने।
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सवाई जगतसिंह द्वितीय FAQ
Ans – प्रतापसिंह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र जगतसिंह द्वितीय जयपुर गद्दी पर बैठे थे.
Ans – जगतसिंह का राज्याभिषेक 1803 ई. को किया गया था.
Ans – ‘गंगोली’ का युद्ध मार्च, 1807 ई. को हुआ था.
Ans – ‘गंगोली’ का युद्ध जयपुर के शासक जगतसिंह व जोधपुर के शासक मानसिंह के मध्य हुआ था.
Ans – जगतसिंह द्वितीय का देहान्त 21 दिसम्बर, 1818 ई. को हुआ था.
Ans – जगतसिंह द्वितीय के बाद जयपुर की गद्दी पर उनके पुत्र जयसिंह तृतीय बैठे थे.
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