सवाई रामसिंह द्वितीय | महाराजा रामसिंह के नाबालिग होने के कारण जयपुर राज्य के प्रशासन को ब्रिटिश सरकार ने अपने संरक्षण में ले लिया। मेजर जॉन लुडलो ने जनवरी, 1843 ई. में जयपुर का प्रशासन संभाला
सवाई रामसिंह द्वितीय
महाराजा रामसिंह के नाबालिग होने के कारण जयपुर राज्य के प्रशासन को ब्रिटिश सरकार ने अपने संरक्षण में ले लिया। मेजर जॉन लुडलो ने जनवरी, 1843 ई. में जयपुर का प्रशासन संभाला। उन्होंने सती प्रथा, दास प्रथा एवं कन्या वध, दहेज प्रथा आदि पर रोक लगाने के आदेश जारी किये महाराजा रामसिंह को वयस्क होने के बाद शासन के समस्त अधिकार प्रदान किये गये। 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम में महाराजा रामसिंह ने अंग्रेजों की भरपूर सहायता की। ब्रिटिश सरकार ने इन्हें ‘सितारे-ए-हिन्द’ को उपाधि प्रदान की।
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1870 ई. में गवर्नर जनरल एवं वायसराय लॉर्ड मेयो ने जयपुर एवं अजमेर की यात्रा की। दिसम्बर, 1875 ई. में गवर्नर जनरल लार्ड नार्थब्रुक तथा फरवरी, 1876 ई. में प्रिंस ऑफ वेल्स प्रिंस अल्बर्ट ने जयपुर की यात्रा की। इनकी स्मृति में अल्बर्ट हॉल एवं रामनिवास बाग बनवाया। अल्बर्ट हॉल में ईसाई, इस्लामिक तथा हिन्दू स्थापत्य शैलियों का बहुत ही सुन्दर समन्वय है। इसकी आकृति लन्दन के ओपेरा हाउस जैसी तथा मोटे रूप में पिरामिडाकार है। राजस्थान सरकार ने इसे संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया जो अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के नाम से प्रसिद्ध है।
सवाई रामसिंह ने ताला एवं आदि नदियों को रोककर रामगढ़ बाँध बनवाया। जब प्रिंस अल्बर्ट जयपुर आये तो उनके सम्मान में जयपुर शहर को गुलाबी रंग से रंगवाया। गुलाबी रंग स्वागत् तथा सेवा भाव का प्रतीक है। वर्तमान में यह गुलाबी नगर के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध है। इनके समय सन् 1844 में जयपुर में महाराजा एवं महारानी कॉलेज, संस्कृत कॉलेज, महाराजा लाइब्रेरी का निर्माण हुआ। सन् 1857 में महाराजा रामसिंह ने राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट एण्ड क्राफ्ट (हुनेरी मदरसा) की स्थापना की तथा रामप्रकाश थियेटर की स्थापना की जो उत्तरी भारत का पहला रंगमंच था। महाराजा रामसिंह के काल में जयपुर की काफी तरक्की हुई. 1880 ई. में इनका निधन हो गया।
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सवाई रामसिंह द्वितीय FAQ
Ans – महाराजा रामसिंह के नाबालिग होने के कारण जयपुर राज्य के प्रशासन को ब्रिटिश सरकार ने अपने संरक्षण में ले लिया था.
Ans – मेजर जॉन लुडलो ने जनवरी, 1843 ई. में जयपुर का प्रशासन संभाला था.
Ans – ब्रिटिश सरकार ने रामसिंह द्वितीय को ‘सितारे-ए-हिन्द’ को उपाधि प्रदान की थी.
Ans – रामसिंह द्वितीय का देहांत 1880 ई. को हुआ था.
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