सेन राजवंश | Sen dynasty | सेन वंश की स्थापना सामंत सेन ने राढ़ में की थी. इसकी राजधानी नदिया [लखनौती] थी. सेन वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक विजयसेन था
सेन राजवंश | Sen dynasty
सेन वंश की स्थापना सामंत सेन ने राढ़ में की थी. इसकी राजधानी नदिया [लखनौती] थी. सेन वंश के प्रमुख शासक विजय सेन, बल्लाल सेन, लक्ष्मण सेन थे. सेन वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक विजयसेन था. यह शैव धर्म का अनुनायी था.
सामंत सेन ने अपनी प्रतिष्ठा में वृद्धि दक्षिण के एक शासक, लगभग द्रविड़ देश के राजेन्द्र चोल को परास्त कर की थी. अपने परिवार की प्रतिष्ठा को स्थापित करने वाला सामन्तसेन का पौत्र विजयसेन ही था.
विजयसेन ने वंग के वर्मन शासन का अन्त किया, अपनी राजधानी विक्रमपुर में स्थापित की, गौड़ पर अपना अधिकार कर लिया तथा मदनपाल [पालवंश] को अपदस्थ किया, गहड़वालों के विरुद्ध जलसेना द्वारा गंगा के मार्ग से आक्रमण किया, नान्यदेव को हराकर मिथिला पर अधिकार किया, उड़ीसा पर धावा बोला, आसाम पर आक्रमण किया व कलिंग के शासक अनंत वर्मन चोड़गंग के पुत्र राघव को परास्त किया।
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सेन राजवंश भारत का एक ब्रह्मक्षत्रिय वंश था. इस वंश ने बंगाल पर अपना प्रभुत्व 12वीं शताब्दी के मध्य स्थापित किया था. इस राजवंश ने बंगाल पर 160 साल तक शासन किया था. यह वंश अपने चरमोत्कर्ष के समय पूर्वोत्तर भारतीय महाद्वीप क्षेत्र, इस साम्राज्य के अन्तर्गत आता था. इस वंश का मूल स्थान कर्नाटक था.
इस वंश के काल में कई मंदिर बने। एक धारणा है कि ढाकेश्वरी मन्दिर बल्लाल सेन ने बनवाया था। लक्ष्मण सेन के कवि जयदेव पंचरत्न थे। ये सेन वंश वर्तमान में बिखर गया है

इस वंश के शासक स्वयं को ब्रह्म क्षत्रिय, क्षत्रिय तथा कर्णाट क्षत्रिय मानते हैं तथा स्वयं उत्पत्ति पौराणिक कर्नाट वंश के नायकों से मानते हैं, जो दक्षिण अथवा दक्षिणापथ के शासक माने जाते हैं.
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दानसागर एवं अद्भुत सगार नामक ग्रन्थ की रचना सेन शासक बल्लाल सेन ने की थी. अद्भुत सागर को लक्ष्मण सेन ने पूर्ण रूप दिया था. लक्ष्मण की राज्यसभा में गीतगोविन्द के लेखक जयदेव, पवन दूत के लेखक धोयी एवं ब्राह्मणसर्वस्व के लेखक हलायुध रहते थे.
हलायुध लक्ष्मण सेन का प्रधान न्यायधीश व मुख्यमंत्री था. विजयसेन एन देवपाड़ा में प्रद्युमनेश्वर मंदिर [शिवजी का विशाल मंदिर] की स्थापना की थी. सेन वंश ऐसा प्रथम वंश था, जिसने अपना अभिलेख सर्वप्रथम हिंदी में उत्कीर्ण करवाया था. लक्ष्मण सेन बंगाल का अंतिम हिन्दू शासक था.
सेन वंश के शासक
- हेमन्त सेन [1070 ई.]
- विजय सेन [1096 से 1159 ई.]
- बल्लाल सेन [1159 से 1179 ई.]
- लक्ष्मण सेन [1179 से 1206 ई.]
- विश्वरूप सेन [1206 से 1225 ई.]
- केशव सेन [1225 से 1230 ई.]
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सेन वंश FAQ
Ans सेन वंश की स्थापना सामंत सेन ने की थी.
Ans सेन वंश की स्थापना राढ़ में की गई थी.
Ans सेन वंश की राजधानी नदिया [लखनौती] में स्थित थी.
Ans सेन वंश के प्रमुख शासक विजय सेन, बल्लाल सेन, लक्ष्मण सेन थे.
Ans सेन वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक विजयसेन था.
Ans विजय सेन शैव धर्म का अनुनायी था.
Ans अपने परिवार की प्रतिष्ठा को स्थापित करने वाला सामन्तसेन का पौत्र विजयसेन ही था.
Ans विजयसेन ने वंग के वर्मन शासन का अन्त किया था.
Ans विजय सेन ने अपनी राजधानी विक्रमपुर में स्थापित की.
Ans सेन राजवंश ने बंगाल पर 160 साल तक शासन किया था.
Ans सेन वंश का मूल स्थान कर्नाटक था.
Ans ढाकेश्वरी मन्दिर का निर्मण बल्लाल सेन ने करवाया था.
Ans दानसागर एवं अद्भुत सगार नामक ग्रन्थ की रचना सेन शासक बल्लाल सेन ने की थी.
Ans अद्भुत सागर को लक्ष्मण सेन ने पूर्ण रूप दिया था.
Ans लक्ष्मण सेन बंगाल का अंतिम हिन्दू शासक था.
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