दास प्रथा | मध्यकाल में कई कुप्रथाएँ प्रचलित थी, जिनमें से एक प्रमुख प्रथा दास प्रथा थी. राजस्थान में 19वीं सदी के अंत तक इस प्रथा का प्रचलन था
दास प्रथा
मध्यकाल में कई कुप्रथाएँ प्रचलित थी, जिनमें से एक प्रमुख परंपरा दास प्रथा थी. राजस्थान में 19वीं सदी के अंत तक इस प्रथा का प्रचलन था
राजस्थान में 19वीं सदी के अंत तक दास परंपरा का प्रचलन था। इनको दास, दासी, गोला, चाकर, खानजादा, चेला इत्यादि नामों से पुकारा जाता था।ये दास दासी प्रायः राजपूतों की अवैध संतानें हुआ करती थी व अपने स्वामी की वंशानुगत सेवकों के रूप में सेवा करते थे।
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दास प्रथा FAQ
Ans – राजस्थान में 19वीं सदी के अंत तक दास परंपरा का प्रचलन था।
Ans – मध्यकाल में दासों को दास, दासी, गोला, चाकर, खानजादा, चेला इत्यादि नामों से पुकारा जाता था।
Ans – दास दासी प्रायः राजपूतों की अवैध संतानें हुआ करती थी.
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