सोमेश्वर चौहान | पृथ्वीराज द्वितीय की निःसंतान मृत्यु होने पर उसका चाचा (अर्णोराज का सबसे छोटा पुत्र, जो गुजरात की राजकुमारी कांचन देवी से पैदा हुआ था) सोमेश्वर ने अजमेर का सिंहासन प्राप्त किया
सोमेश्वर चौहान
पृथ्वीराज द्वितीय की निःसंतान मृत्यु होने पर उसका चाचा (अर्णोराज का सबसे छोटा पुत्र, जो गुजरात की राजकुमारी कांचन देवी से पैदा हुआ था) सोमेश्वर ने अजमेर का सिंहासन प्राप्त किया। सोमेश्वर का लालन-पालन उसके ननिहाल गुजरात में हुआ था। कुमारपाल ने सोमेश्वर की पर्याप्त देखभाल की।
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कुमारपाल ने सोमेश्वर का विवाह कलचुरी (त्रिपुरी) नरेश अचल की राजकुमारी कर्पूरदेवी से करवा दिया था। कर्पूरदेवी से उसके पृथ्वीराज (तृतीय) और हरिराज नामक दो पुत्र हुए। सोमेश्वर के समय का एक लेख बिजोलिया में मिला है जिसे ‘बिजौलिया अभिलेख’ कहते हैं।
इस लेख की तिथि 5 फरवरी, 1170 है। इसमें चौहान शासकों की वंशावली दी गई है। उसने ‘प्रतापलकडेश्वर’ की उपाधि धारण की थी। सोमेश्वर की मृत्यु संवत् 1234 सन् 1177 में हुई। हरविलाम शारदा के अनुसार भोला भीम के आक्रमण में सोमेश्वर मारा गया। तत्पश्चात् उसका पुत्र पृथ्वीराज (तृतीय) शासक बना, जिसे सामान्यतः मुस्लिम इतिहासकार ‘राय पिथौरा’ या ‘पिथौरा राय’ कहते हैं।
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सोमेश्वर चौहान FAQ
Ans – सोमेश्वर का लालन-पालन उसके ननिहाल गुजरात में हुआ था.
Ans – सोमेश्वर की पर्याप्त देखभाल कुमारपाल ने की थी.
Ans – कुमारपाल ने सोमेश्वर का विवाह कलचुरी (त्रिपुरी) नरेश अचल की राजकुमारी कर्पूरदेवी से करवा दिया था.
Ans – सोमेश्वर ने प्रतापलकडेश्वर की उपाधि धारण की थी.
Ans – सोमेश्वर की मृत्यु सन् 1177 में हुई थी.
Ans – सोमेश्वर के बाद अजमेर का शासक उसका पुत्र पृथ्वीराज (तृतीय) बना था.
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