त्रिलोचनपाल : गुर्जर-प्रतिहार वंश | राज्यपाल की मृत्यु के बाद उसका पुत्र त्रिलोचनपाल प्रतिहार वंश का राजा हुआ था. 1019 ई. में महमूद ने भारतवर्ष पर पुनः आक्रमण किया व त्रिलोचन को पराजित किया था
त्रिलोचनपाल : गुर्जर-प्रतिहार वंश
राज्यपाल की मृत्यु के बाद उसका पुत्र त्रिलोचनपाल प्रतिहार वंश का राजा हुआ था. 1019 ई. में महमूद ने भारतवर्ष पर पुनः आक्रमण किया व त्रिलोचन को पराजित किया था. इसके बाद उसी के नाम के प्रतिहार नरेश त्रिलोचनपाल की बारी आई.
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अलबरूनी के वर्णन से प्रकट होता है की उस समय प्रतिहारों की राजधानी कन्नौज नहीं थी. उनकी राजधानी बारी में थी जो रामगंगा व सरयू के संगम के निकट थी. विद्याधर ने इस आक्रमण के समय में भी कोई सहयता नहीं की थी. परिणाम यह हुआ की महमूद ने उसके राज्य को खूब लूटा.

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त्रिलोचनपाल FAQ
Ans राज्यपाल की मृत्यु के बाद उसका पुत्र त्रिलोचनपाल प्रतिहार वंश का राजा हुआ था.
Ans 1019 ई. में महमूद ने भारतवर्ष पर पुनः आक्रमण किया था.
Ans महमूद ने त्रिलोचन को 1019 ई. में पराजित किया था.
Ans अलबरूनी के वर्णन से प्रकट होता है की महमूद गजनी के आक्रमण के समय प्रतिहारों की राजधानी कन्नौज नहीं थी.
Ans प्रतिहारों की राजधानी बारी में स्थित थी.
Ans “बारी” रामगंगा व सरयू के संगम के निकट स्थित था.
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