उपनिषद क्या है | what is Upanishad | उपनिषद् हिन्दू पन्थ के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं. उपनिषद् वैदिक वाङ्मय के अभिन्न अंग हैं. उपनिषद् संस्कृत में लिखे गये हैं
उपनिषद क्या है
उपनिषद् हिन्दू पन्थ के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं. उपनिषद् वैदिक वाङ्मय के अभिन्न अंग हैं. उपनिषद् संस्कृत में लिखे गये हैं. उपनिषद् संख्या लगभग 200 है, परन्तु मुख्य उपनिषद 13 हैं. हर एक उपनिषद किसी-किसी वेद से जुड़ा हुआ है.
उपनिषद् परमेश्वर, परमात्मा-ब्रह्म व आत्मा के स्वभाव व सम्बन्ध का बहुत ही दार्शनिक व ज्ञानपूर्वक वर्णन किया गया है. उपनिषदों में कर्मकाण्ड को ”अवर” कहकर ज्ञान को इस कारण महत्व दिया गया है कि ज्ञान स्थूल (जगत व पदार्थ) से सूक्ष्म (मन व आत्मा) की ओर ले जाता है.
ब्रह्म, जीव व जगत् का ज्ञान पाना उपनिषदों की मूल शिक्षा है. भगवद्गीता व ब्रह्मसूत्र, उपनिषदों के साथ मिलकर वेदान्त की ‘प्रस्थानत्रयी’ कहलाते हैं. उपनिषदों पर ब्रह्मसूत्र व गीता [कुछ सीमा तक] आधारित हैं। भारत की समग्र दार्शनिक चिन्तनधारा का मूल बिंदु उपनिषद-साहित्य है
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उपनिषद शब्द का अर्थ
- उपनिषद् शब्द का आसान अर्थ है – ‘समीप उपवेशन’ या ‘समीप बैठना (ब्रह्म विद्या की प्राप्ति के लिए शिष्य का गुरु के पास बैठना)।
- उपनिषद् शब्द ‘उप’, ‘नि’ उपसर्ग व ‘सद्’ धातु से निष्पन्न हुआ है। सद् धातु के तीन अर्थ हैं. विवरण-नाश होना, गति-पाना,जानना तथा अवसादन-शिथिल होना।
- उपनिषद् में ऋषि व शिष्य के बीच बहुत सुन्दर और गूढ संवाद है जो पाठक को वेद के मर्म तक पहुंचाता है
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उपनिषद की कथाएँ
- उपनिषद कथाओं में देवता, दानव, ऋषि-मुनि, पशु- पक्षी, पृथ्वी, प्रकृति, चर-अचर, सभी को माध्यम बना कर प्रेरणादायक एवं मनोरंजक कथाओं की रचना की गयी है।
- उपनिषद कथाओं की रचना का उद्देश्य वेदों की व्याख्या के से था.
- उपनिषदों कथाओ में आसान ढंग से उन्हें समझाया गया है जो बातें वेदों में जटिलता से कही गयी है.
- उपनिषद में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, इन्द्र, सूर्य व अग्नि आदि देवताओं से लेकर नदी, पर्वत, समुद्र व वृक्ष तक कथा के पात्र है।
विषय वस्तु
- ‘आत्मविद्या’ का उपनिषदों में मुख्य रूप से प्रतिपादन किया गया है. जिसके द्वारा आत्मा के स्वरूप एवं ब्रह्म की प्राप्ति के साधन और आवश्यकता की समीक्षा की गयी है.
- मोक्ष तथा आत्मज्ञानी के स्वरूप अवान्तर विषयों के साथ ही अविद्या, विद्या, प्रेयस, श्रेयस, आचार्य आदि तत्सम्बद्ध विषयों पर उपनिषदों में भरपूर मात्रा चिन्तन में उपलब्ध है.
- वैदिक ग्रन्थों में जो आध्यात्मिक तथा दार्शनिक चिन्तन यहाँ वहां दिखाई देता है, वह परिपक्व रूप से उपनिषदों में निबद्ध हुआ है।
- उपनिषदों में सर्वत्र भावना समन्वय की है.
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उपनिषद क्या है FAQ
Ans उपनिषद् हिन्दू पन्थ के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं.
Ans उपनिषद् संस्कृत में लिखे गये हैं.
Ans उपनिषद् संख्या लगभग 200 है.
Ans मुख्य उपनिषद 13 हैं.
Ans उपनिषदों में कर्मकाण्ड को ”अवर” कहा गया है.
Ans ब्रह्म, जीव व जगत् का ज्ञान पाना उपनिषदों की मूल शिक्षा है.
Ans भारत की समग्र दार्शनिक चिन्तनधारा का मूल बिंदु उपनिषद-साहित्य है.
Ans उपनिषद् शब्द का अर्थ है – ‘समीप उपवेशन’ या ‘समीप बैठना (ब्रह्म विद्या की प्राप्ति के लिए शिष्य का गुरु के पास बैठना).
Ans उपनिषद् शब्द ‘उप’, ‘नि’ उपसर्ग व ‘सद्’ धातु से निष्पन्न हुआ है.
Ans सद् धातु के तीन अर्थ हैं. विवरण-नाश होना, गति-पाना,जानना तथा अवसादन-शिथिल होना.
Ans उपनिषद कथाओं की रचना का उद्देश्य वेदों की व्याख्या के से था.
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