दिवेर का युद्ध | अमरकाव्य’ के अनुसार 1582 ई. में राणा प्रताप ने मुगलों के विरुद्ध रावली टाटगढ़ अभ्यारण्य स्थित दिवेर (कुंभलगढ़) पर जबरदस्त आक्रमण किया
दिवेर का युद्ध
अमरकाव्य’ के अनुसार 1582 ई. में राणा प्रताप ने मुगलों के विरुद्ध रावली टाटगढ़ अभ्यारण्य स्थित दिवेर (कुंभलगढ़) पर जबरदस्त आक्रमण किया। यहाँ का सूबेदार अकबर का काका सेरिमा सुल्तान खां था। जब कुंवर अमरसिंह ने अपना भाला सेरिमा सुल्तान पर मारा तो भाला सेरिमा के लोहे के टोप को चीरते हुए उसके शरीर में प्रवेश कर, घोड़े के शरीर को पार करते हुए जमीन में जा धंसा।
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सेरिमा एक स्टेच्यू (बुत) बन गया यह देख बाकी मुगल सेना भाग खड़ी हुई। इस युद्ध में मेवाड़ की शानदार सफलता के कारण शेष जगहों से मुगल सेनाएँ भाग खड़ी हुई। इस विजय की ख्याति चारों ओर फैल गई। इसके बाद प्रताप ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और मेवाड़ को मुगलों से मुक्त करा लिया। मेवाड़ को राजपूताना में अभूतपूर्व प्रतिष्ठा मिली। कर्नल टॉड ने इस युद्ध को ‘प्रताप के गौरव का प्रतीक’ माना और ‘माराथन’ की संज्ञा दी।

माराथन का युद्ध : (अपभ्रंश-मेराथन)
यह युद्ध फारसी सेनानायक हिप्पियस एवं एथेंस के सेनानायक मिल्टिएड्स के मध्य 490 ई.पू. में यूनान के माराथन नामक स्थान पर हुआ। एथेंस ने जब स्पार्टा से सहायता मांगी तो धार्मिक अनुष्ठान में व्यस्त होने के कारण स्पार्टा न आ सका। एथेंस की सेना ने अकेले ही माराथन की ओर प्रस्थान किया।
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मात्र 10 हजार सैनिकों के बल पर एथेंस ने बिना स्पार्टा की सहायता के विशाल फारसी सेना को मार भगाया और अप्रत्याशित ढंग से विजय प्राप्त की। एथेंस ने अकेले ही यह विजय प्राप्त कर यूनानी जगत में अभूतपूर्व प्रतिष्ठा प्राप्त की। इसी प्रतिष्ठा के बल युद्ध में पर आगे चलकर एथेंस साम्राज्य की स्थापना हुई।
वास्तव में माराथन युद्ध से ही उसकी महता एवं गरिमा का श्रीगणेश होता है और एथेंस के भाग्योदय की आधारशिला बनी। जो महत्त्व माराथन युद्ध का एथेंस के लिए था वही महत्त्व दिवेर युद्ध का मेवाड़ के लिए था। इसलिए कर्नल टॉड ने इस युद्ध को ‘मेवाड़ का माराथन’ कहा है।
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दिवेर का युद्ध FAQ
Ans – यह युद्ध 1582 ई. को हुआ था.
Ans – यह युद्ध राणा प्रताप व सेरिमा के मध्य हुआ था.
Ans – सेरिमा की मृत्यु कुंवर अमर सिंह के हाथों हुई थी.
Ans – इस युद्ध के समय दिवेर का सूबेदार अकबर का काका सेरिमा सुल्तान खां था.
Ans – कर्नल टॉड ने दिवेर युद्ध को ‘मेवाड़ का माराथन’ कहा है.
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