सिन्धु सभ्यता क्या है part 1 | सिन्धु सभ्यता का विस्तार त्रिभुजाकार है. सिन्धु सभ्यता की खोज 1921 में रायबहादुर दयाराम सोहनी ने की थी
सिन्धु सभ्यता क्या है part 1
रडियो कार्बन c14 जैसी नवीन विश्लेष्ण पद्धति के द्वारा सिन्धु सभ्यता कि सर्वमान्य तिथि 2400 ईसा पूर्व से 1700 ईसा पूर्व मानी गई है. सिन्धु सभ्यता का विस्तार त्रिभुजाकार है. सिन्धु सभ्यता की खोज 1921 में रायबहादुर दयाराम सोहनी ने की थी. सिन्धु सभ्यता को आद्य ऐतिहासिक अथवा कांस्य युग में रखा जाता है. इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ व भूमध्य सागरीय थे.
सर जान मार्शल ने 1924 ई. में सिन्धु घटी सभ्यता नामक एक उन्नत नगरीय सभ्यता पाए जाने की विधिवत घोषणा की. इस सभ्यता में सबसे अधिक पश्चिम पुरास्थल दाश्क नामक नदी के किनारे स्थित सुतकागेंडोर [बलूचिस्तान] पूर्वी पुरास्थल हिंडल नदी के किनारे आलमगीर पुर [मेरठ up] उत्तरी पुरास्थल चिनव नदी के तट पर अखनूर के निकट मांदा [जम्मू कश्मीर] दक्षिणी पुरास्थल गोदावरी नदी के तट पर दाईमाबाद [अहमदनगर महाराष्ट्र] |
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सिन्धु सभ्यता या सैन्धव सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी. सैंधव सभ्यता से प्राप्त परिपक्व अवस्था वाले स्थलों में केवल छः को ही बड़े नगर की संज्ञा दी गई है. बड़े नगर निम्न है : – मोहनजोदड़ो, हडप्पा, धौलावीरा, राखीगढ़ी, कालीबंगन व गणवारीवाला है.

भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् हडप्पा संस्कृति के सर्वाधिक स्थल गुजरात में खोजे गए है. सिन्धु सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल मोहनजोदड़ो है. जबकि भारत में इसका सबसे बड़ा स्थल राखीगढ़ है जो हरियाणा के हिसार जिलें में स्थित है. इसकी खोज 1963 ई. में सूरजभान ने की थी.
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सिन्धु सभ्यता
- लोथल व सूतकोतदा इस सभ्यता का बंदरगाह थे.
- जुताई किए हुए खेत व नकाशीदार ईटों का प्रयोग का साक्ष्य कालीबंगन से प्राप्त हुआ है.
- मोहनजोदड़ो से प्राप्त स्नानागार संभवतः सैन्धव सभ्यता की सबसे बड़ी ईमारत है, जिसके मध्य स्नानकुंड 11.88 मीटर लंबा व 7.01 मीटर चौड़ा न 2.43 मीटर गहरा है.
- अग्निकुंड, लोथल व कालीबंगन से प्राप्त हुए है.
- मोहनजोदड़ो से प्राप्त एक शील पर तीन मुख वाले देवता [पशुपति नाथ ] की मूर्ति मिली है. इस मूर्ति के चरों ओर हाथी, गैंडा, चीता व भैंसा विराजमान है.
- मोहनजोदड़ो से नृतकी की एक कांस्य की मूर्ति मिली है.
- हडप्पा की मोहरों पर सबसे अधिक एक शृंगी पशु का अंकन मिलता है. यहाँ से प्राप्त एक आयताकार मुहर में स्त्री के गर्भ से पौधा निकलता दिखाया गया है.
- लोथल व चहुँददो में मनके के कारखाने मिले है.
- इस सभ्यता की लिपि भावचित्रात्मक है यह लिपि दांयी से बांयी ओर लिखी जाती है.जब अभिलेख एक से अधिक पंक्तियों का होता है, तो पहली दांयी से बांयी व दूसरी पंक्ति बांयी से दांयी ओर लिखी जाति है.

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सिन्धु सभ्यता क्या है part 1 FAQ
Ans सिन्धु सभ्यता का विस्तार त्रिभुजाकार है.
Ans सिन्धु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम सोहनी ने की थी.
Ans सिन्धु सभ्यता की खोज 1921 में की गई थी.
Ans सिन्धु सभ्यता को आद्य ऐतिहासिक अथवा कांस्य युग में रखा जाता है.
Ans सिन्धु सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ व भूमध्य सागरीय थे.
Ans सर जान मार्शल ने सिन्धु घटी सभ्यता नामक एक उन्नत नगरीय सभ्यता पाए जाने की विधिवत घोषणा की थी.
Ans 1924 ई. में सिन्धु घटी सभ्यता नामक एक उन्नत नगरीय सभ्यता पाए जाने की विधिवत घोषणा की गई थी.
Ans भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् हडप्पा संस्कृति के सर्वाधिक स्थल गुजरात में खोजे गए है.
Ans सिन्धु सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल मोहनजोदड़ो है.
Ans हडप्पा की मोहरों पर सबसे अधिक एक शृंगी पशु का अंकन मिलता है.
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