लॉर्ड वेलेजली | lord Wellesley | लॉर्ड वेलेजली बंगाल का गवर्नर 1798 से 1805 तक जनरल रहा था। अंतिम मैसूर युद्ध वेलेजली के कार्यकाल में लड़ा गया। लॉर्ड वेलेजली के नेतृत्व में 1798 में अंतिम मैसूर युद्ध लड़ा गया
लॉर्ड वेलेजली | lord Wellesley
लॉर्ड वेलेजली बंगाल का गवर्नर 1798 से 1805 तक जनरल रहा था। अंतिम मैसूर युद्ध वेलेजली के कार्यकाल में लड़ा गया। लॉर्ड वेलेजली के नेतृत्व में 1798 में अंतिम मैसूर युद्ध लड़ा गया जिसमें टीपू सुल्तान ने फ्रांस की मदद ली। हालांकि इस मदद से टीपू को कोई फायदा नहीं हुआ तथा वो युद्ध लड़ते हुए मारा गया।
युद्ध के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के मैसूर अधीन आ गया। द्वितीय मराठा युद्ध वेलेजली के काल में लड़ा गया था, इस युद्ध अंग्रेजों की विजय हुई। यह कंपनी के सबसे महत्वपूर्ण युद्धों में से एक था।
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प्रथम एंग्लो-मराठा युद्ध में मराठों की जीत हुई व दूसरे मराठा युद्ध में मराठों की हार हुई, इसका कारण मराठों के पास कोई योग्य तथा अनुभवी शासक न होना था।
1803 से 1805 तक दूसरा मराठा युद्ध लड़ा गया, इसके बाद मराठों का राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक व छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में ही रह गया.
कटक, औरंगाबाद, बालासोर, ग्वालियर, जोधपुर, जयपुर, गोहाद, भरोच, अलीगढ़, अहमदनगर, मथुरा, अजंता, दिल्ली ये सब अंग्रेजों के अधिकार में चले गए।
वेलेजली ने सहायक संधि की पद्धति शुरू की थी. भारत में सहायक का प्रयोग वेलेजली से पूर्व फ़्रांसिसी गवर्नर डुप्ले ने किया था. सहायक संधि करने वाले राज्य निम्न थे :- हैदराबाद {1798 ई.}, मैसूर {1799 ई.} तंजौर {1799 } अवध {1801 ई.} पेशवा {दिसंबर 1802 ई.} बरार व भोंसले {दिसंबर 1803 ई.} सिंधिया {1804 ई.} व अन्य सहायक संधि करने वाले राज्य जोधपुर जयपुर मच्छेड़ी, बूंदी तथा भरतपुर.
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- इंदौर के होल्करों ने सहायक संधि नहीं स्वीकार की थी.
- वेलेजली ने {1800 ई.} कलकत्ता में नागरिक सेवा में भर्ती किए गए युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की, जो 1854 ई. तक अंग्रेजों को भारतीय भाषाओँ की शिक्षा देने के लिए चलता आ रहा है.
- 1806 ई. में भारत भेजे जाने वाले प्रशासकीय अधिकारीयों की शिक्षा व प्रशिक्षण के लिए इंग्लैण्ड में हेलेबेरी में एक ईस्ट इंडिया कॉलेज खोला गया जहाँ नवयुवक प्रसशाकीय अधिकारीयों को दो वर्ष का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई थी.
वेलेजली स्वयं को “बंगाल का शेर” कहा करता था. वेलेजली {1805 ई.} का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ, परन्तु शीघ्र ही उसकी मृत्यु हो गई थी.
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लॉर्ड वेलेजली FAQ
Ans लॉर्ड वेलेजली बंगाल का गवर्नर 1798 से 1805 तक जनरल रहा था.
Ans अंतिम मैसूर युद्ध वेलेजली के कार्यकाल में लड़ा गया.
Ans लॉर्ड वेलेजली के नेतृत्व में अंतिम मैसूर युद्ध लड़ा गया था.
Ans 1798 में अंतिम मैसूर युद्ध लड़ा गया था.
Ans द्वितीय मराठा युद्ध वेलेजली के काल में लड़ा गया था.
Ans द्वितीय मराठा युद्ध में अंग्रेजों की विजय हुई थी.
Ans प्रथम एंग्लो-मराठा युद्ध में मराठों की जीत हुई थी.
Ans दूसरे मराठा युद्ध में मराठों की हार का कारण मराठों के पास कोई योग्य तथा अनुभवी शासक न होना था.
Ans 1803 से 1805 तक दूसरा मराठा युद्ध लड़ा गया था.
Ans द्वितीय मराठा युद्ध के बाद मराठों का राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक व छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में ही रह गया था.
Ans वेलेजली ने सहायक संधि की पद्धति शुरू की थी.
Ans भारत में सहायक का प्रयोग वेलेजली से पूर्व फ़्रांसिसी गवर्नर डुप्ले ने किया था.
Ans वेलेजली स्वयं को “बंगाल का शेर” कहा करता था.
Ans सहायक संधि करने वाले राज्य निम्न थे :- हैदराबाद {1798 ई.}, मैसूर {1799 ई.} तंजौर {1799 } अवध {1801 ई.} पेशवा {दिसंबर 1802 ई.} बरार व भोंसले {दिसंबर 1803 ई.} सिंधिया {1804 ई.} व अन्य सहायक संधि करने वाले राज्य जोधपुर जयपुर मच्छेड़ी, बूंदी तथा भरतपुर.
Ans वेलेजली का दूसरा कार्यकाल 1805 ई. में शुरू हुआ था.
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