सिख धर्म के गुरु | Guru of Sikhism | गुरु नानक ने सिक्ख संप्रदाय की स्थापना की थी. गुरु नानक के अनुनायी सिक्ख कहलाए थे. गुरु नानक बादशाह बाबर व हुमायूँ के समकालीन थे
सिख धर्म के गुरु | Guru of Sikhism
1496 ई. की कार्तिक पूर्णिमा को नानक को आध्यत्मिक पुनर्जीवन का आभास हुआ था. गुरु नानक ने गुरु का लंगर नामक निः शुल्क सह्भोगी भोजनालय स्थापित किए थे.
गुरु नानक के अनेक स्थानों पर सांगत [धर्मशाला] व पंगत [लंगर] स्थापित किए थे. संगत व पंगत ने गुरु नानक के अनुयायियों के लिए एक संस्था का कार्य किया जहाँ वे प्रतिदिन मिलते थे.
1538 ई. में गुरु नानक की मृत्यु करतारपुर में हो गई थी. गुरु अंगद सिक्खों के दुसरे गुरु थे. इनका शुरुआती नाम लहना था. इन्होनें लंगर व्यवस्था जो की गुरु नानक द्वारा शुरू की गई थी, उसे स्थायी बना दिया था. गुरु अंगद ने गुरुमुखी लिपि को शुरू किया था.
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अमरदास सिक्खों के तीसरे गुरु थे. इन्होनें हिन्दुओं से पृथक होने वाले कई कार्य किए थे. गुरु अमरदास ने हिन्दुओं से अलग विवाह करने की पद्धति लवन की शुरुआत की थी. गुरु अमरदास से अकबर ने गोविन्दलाल जाकर भेंट की और गुरु अमरदास की पुत्री बीबी भानी को कई गाँव भेट में दिए थे.
अमरदास ने 22 गद्दियों की स्थापना की व प्रत्येक गद्दी पर एक महंत की न्युक्ति की. बीबी भानी के पति रामदास सिक्खों के चौथे गुरु हुए थे. अकबर ने बीबी भानी को 500 बीघा भूमि दी थी. गुरु रामदास ने इस भूमि पर अमृतसर नामक जलाशय खुदवाया तथा अमृतसर नगर की स्थापना की. गुरु रामदास ने अपने तीसरे पुत्र अर्जुन को गुरु का पद सौंपा था. इस प्रकार इन्होनें गुरु पद को पैतृक बनाया.
गुरु अर्जुन सिक्खों के पांचवे गुरु हुए थे. इन्होनें सिक्खों के धार्मिक ग्रन्थ आदिग्रंथ का लेखन किया था. इसमें गुरु नानक की प्रेरणाप्रद प्रार्थनाएँ व गीत संकलित है.
गुरु ग्रन्थ साहिबा यानि आदिग्रंथ में सिक्ख गुरुओं के साथ-साथ कबीर, नामदेव व रैदास जी की भी रचनाएँ सम्मलित है.
गुरु अर्जुन ने अमृतसर जलाशय के मध्य में हरमंदर साहब का निर्माण गुरु अर्जुन ने करवाया था. राजकुमार खुसरो की सहायता करने के कारण जहाँगीर ने 1606 ई. में गुरु अर्जुन को मरवा दिया था.
सिक्खों के छठे गुरु हरगोविंद हुए थे. इन्होनें सिक्खों को सैन्य संगठन का रूप दिया था. गुरु हरगोविंद ने अकाल तख़्त या ईश्वर के सिंहासन का निर्माण करवाया था. ये दो तलवार बांधकर गद्दी पर बैठते थे व् इनके दरबार में नगाड़ा बजाने की व्यवस्था थी. अमृतसर की किलेबंदी गुरु हरगोविंद ने की थी.
हरराय सिक्खों के सांतवे गुरु हुए थे. इन्होंने दारा शिकोह को मिलने आने पर आशीवार्द दिया था. सिक्खों के आठवें गुरु हरिकिशन हुए थे. इनकी मृत्यु चेचक से हो गई थी. इन्हें दिल्ली जाकर गुरुपद के बारें में औरंगजेब को समझाना पड़ा था.
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तेगबहादुर सिक्खों के नौवें गुरु हुए थे. इस्लाम स्वीकार नहीं करने के कारण औरंगजेब ने इन्हें वर्तमान में शीशगंज के निकट गुरुद्वारा में मरवा दिया था.
सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु, गुरु गोविन्द सिंह हुए थे. इनका जन्म 1666 ई. में पटना में हुआ था.
सिक्खों के गुरु
क्र. स. | गुरु का नाम |
पहले | गुरु नानक [1538] |
दुसरे | गुरु अंगद [1539-52] |
तीसरे | गुरु अमरदास [1552-74] |
चौथे | गुरु रामदास [1574-81] |
पांचवे | गुरु अर्जुन [1581-1606] |
छठे | गुरु हरगोविंद [1606-45] |
सांतवे | गुरु हरराय [1645-61] |
आठवें | गुरु हरकिशन [1661-64] |
नौवे | गुरु तेगबहादुर [1664-75] |
दसवे | गुरु गोविन्द सिंह [1675-1708] |
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सिख धर्म के गुरु FAQ
Ans गुरु नानक ने सिक्ख संप्रदाय की स्थापना की थी.
Ansगुरु नानक के अनुनायी सिक्ख कहलाए थे.
Ans गुरु नानक बादशाह बाबर व हुमायूँ के समकालीन थे.
Ans 1538 ई. में गुरु नानक की मृत्यु करतारपुर में हो गई थी.
Ans गुरु अंगद सिक्खों के दुसरे गुरु थे.
Ans गुरु अंगद ने गुरुमुखी लिपि को शुरू किया था.
Ans अमरदास सिक्खों के तीसरे गुरु थे.
Ans बीबी भानी के पति रामदास सिक्खों के चौथे गुरु हुए थे.
Ans सिक्खों के पांचवे गुरु गुरु अर्जुन [1581-1606] थे.
Ans सिक्खों के छठे गुरु गुरु हरगोविंद [1606-45] थे.
Ans सिक्खों के सांतवे गुरु गुरु हरराय [1645-61] थे.
Ans सिक्खों के आठवें गुरु गुरु हरकिशन [1661-64] थे.
Ans सिक्खों के नौवे गुरु गुरु तेगबहादुर [1664-75] थे.
Ans सिक्खों के दसवें गुरु दसवे गुरु गोविन्द सिंह [1675-1708] थे.
Ans गुरु गोविन्द सिंह का जन्म 1666 ई. में पटना में हुआ था.
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