तुगलक वंश के शासक part 2 | Rulers of Tughlaq Dynasty | मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में हरिहर व बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ई. में स्वतंत्र राज्य विजयनगर की स्थापना की थी
तुगलक वंश के शासक part 2 | Rulers of Tughlaq Dynasty
महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने 1347 ई. में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की थी.
मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु पर इतिहासकार बदयुनीं लिखता है, “अंततः लोगों को उससे मुक्ति मिली व उसे लोगों से”. मुहम्मद बिन तुगलक शेख अलाउद्दीन का शिष्य था. वह सल्तनत का पहला शासक था, जो अजमेर में शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह व बहराइच में सालार मसूद गाजी के मकबरे में गया.
मुहम्मद बिन तुगलक ने बदायूं में मीरन मुलहीम, दिल्ली के शेख निजामुद्दीन औलिया, मुल्तान के शेख रुकनुद्दीन, अनुधन के शेख मुल्तान आदि संतों की कब्र पर मकबरे बनवाए थे.
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फिरोज तुगलक का राज्याभिषेक थट्टा के निकट 20 मार्च 1351 ई. को हुआ, पुनः फिरोज का दिल्ली में राज्याभिषेक अगस्त 1351 ई. को हुआ. खलीफा द्वारा इसे कासिम उल मोममीन की उपाधि दी गई.
राजस्व व्यवस्था के अंतर्गत फिरोज ने अपने शासनकाल में 24 कष्टदायक करों को समाप्त कर केवल चार कर खराज [लगान], ख़ुम्स [युद्ध में लूटा गया माल], जजिया व जकात को वसूल करने का आदेश दिया था. फिरोज तुगलक ब्राह्मणों पर जजिया कर लागु करने वाला प्रथम मुस्लमान शासक था. फिरोज तुगलक ने एक नया सिंचाई कर भी लागु किया था जो उपज का 1/10 भाग था.
इसके शासनकाल में खिज्राबाद व व मेरठ से अशोक के दो स्तम्भ लेखों को लाकर दिल्ली में स्थापित किया गया था.
फिरोज तुगलक ने अनाथ मुस्लिम महिलाओं, विधवाओं व लड़कियों की सहायता के लिए एक नए विभाग दीवान-ए-खैरात की स्थापना की थी. सल्तनतकालीन सुल्तानों के शासनकाल में सबसे अधिक दासों की संख्या फिरोज तुगलक के दासों की थी.

दासों की देख-भाल के लिए फिरोज ने एक नए विभाग दीवान-ए-बंदगान की स्थापना की थी. इसने सैन्य पदों को वंशानुगत बना दिया था. इसने अपनी आत्मकथा फतूहात-ए-फिरोजशाही की रचना की थी. इसने जियाउद्दीन बरनी एवं शम्स-ए-शिराज अफीफ को अपना संरक्षण प्रदान किया था.
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इसने ज्वालामुखी मंदिर के पुस्तकालय से लुटे हुए 1300 ग्रंथों में से कुछ ग्रंथों को फारसी में विद्वान अपाउद्दीन द्वारा द्लायते फिरोजशाही के नाम से अनुवाद करवाया था.
इसने चांदी व तांबे के मिश्रण से निर्मित सिक्के भारी संख्या में जारी करवाए थे, जिसे अद्धा व विख कहा जाता था. फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु सितम्बर 1388 ई. में हुई थी. फिरोज काल में निर्मित खान-ए-जहाँ तेलंगनी के मकबरे की तुलना जेरुसलम में निर्मित उमर की मस्जिद से की है.
सुल्तान तुगलक ने दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण करवाया था. तुगलक वंश का अंतिम शासक नासिरुद्दीन महमूद तुगलक था, इसका शासन दिल्ली से पालम तक ही रह गया था. तैमुरलंग ने सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद तुगलक के समय 1338 ई. में दिल्ली पर आक्रमण किया था.
नासिरुद्दीन महमूद तुगलक के समय में ही मलिकशर्शक की उपाधि धारण कर एक हिजड़ा मलिक सरवर ने जौनपुर में एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी.
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तुगलक वंश के शासक part 2 FAQ
Ans मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में विजयनगर की स्थापना हुई थी.
Ans हरिहर व बुक्का नामक दो भाइयों ने स्वतंत्र राज्य विजयनगर की स्थापना की थी.
Ans 1336 ई. में स्वतंत्र राज्य विजयनगर की स्थापना की थी.
Ans अलाउद्दीन बहमन शाह ने स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की थी.
Ans 1347 ई. में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना हुई थी.
Ans मुहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु पर इतिहासकार बदयुनीं लिखता है, “अंततः लोगों को उससे मुक्ति मिली व उसे लोगों से”.
Ans मुहम्मद बिन तुगलक शेख अलाउद्दीन का शिष्य था.
Ans मुहम्मद बिन तुगलक, मुग़ल सल्तनत का पहला शासक था, जो अजमेर में शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह व बहराइच में सालार मसूद गाजी के मकबरे में गया था.
Ans मुहम्मद बिन तुगलक ने बदायूं में मीरन मुलहीम, दिल्ली के शेख निजामुद्दीन औलिया, मुल्तान के शेख रुकनुद्दीन, अनुधन के शेख मुल्तान आदि संतों की कब्र पर मकबरे बनवाए थे.
Ans फिरोज तुगलक का राज्याभिषेक थट्टा के निकट 20 मार्च 1351 ई. को हुआ था.
Ans फिरोज तुगलक ब्राह्मणों पर जजिया कर लागु करने वाला प्रथम मुस्लमान शासक था.
Ans फिरोज तुगलक ने अनाथ मुस्लिम महिलाओं, विधवाओं व लड़कियों की सहायता के लिए एक नए विभाग दीवान-ए-खैरात की स्थापना की थी.
Ans फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु सितम्बर 1388 ई. में हुई थी.
Ans तुगलक वंश का अंतिम शासक नासिरुद्दीन महमूद तुगलक था.
Ans सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण करवाया था.
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